सार

गड़बड़ी का यह मामला सागर की 'दीनदयाल रसोई योजना' का है, जिसे नगर निगम संचालित कर रही है। यहां के कागजों में 21 साल पहले मृत हो चुका राजाराम चौरसिया जिंदा है। ( सीएम शिवराज की दीनदयाल रसोई योजना की फाइल फोटो)

सागर (मध्य प्रदेश). अक्सर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन मध्य प्रदेश सागर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो शासन-प्रशासन की पोल खोलता है। यहां एक व्यक्ति की मौत को पूरे 21 साल हो गए। अभी भी मृतक के बेटे के मोबाइल पर उनके नाम का मैसेज आ रहा है। जिसमें लिखा है कि आपने भोजन किया की नहीं।

सरकारी कागजों में जिंदा है 21 साल पहले मृत युवक
दरअसल, गड़बड़ी का यह मामला सागर की 'दीनदयाल रसोई योजना' का है, जिसे नगर निगम संचालित कर रही है। यहां के कागजों में 21 साल पहले मृत हो चुका राजाराम चौरसिया जिंदा है। इसलिए उनके बेटे राजेश चौरसिया के मोबाइल पर आए मैसेज पर लिखा होता है कि ''दीनदयाल रसोई में भोजन करने और 10 रुपए का भुगतान प्राप्त होने व पुन: पधारे।'' जबकि हकीकत यह है कि इस योजना को चले कुछ ही महीने हुए हैं और मरे युवक को खाना भी खिला दिया।

मैसेज भेजने वालों पर होगी कार्रवाई
मृतक के बेटे राजेश की शिकायत पर निगम के कर्मचारी मौके पर मुआयना करने के लिए गए। जिसके बाद मामले में पंचनामा बनाया गया। फिर कहीं जाकर प्रभारी अधिकारी सचिन मसीह ने बताया कि अब  'दीनदयाल रसोई योजना' के संचालक को इस मामले में नोटिस जारी किया जाएगा।

10 रुपए में मिलता है भरपेट खाना
बता दें कि कुछ दिन पहले सागर नगर निगम ने शहर के तीन जगहों पर दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत की है। इसमें गरीब लोगों को 10 रुपए में भोजन कराया जाता है। जिसके तहत हितग्राहियों के मोबाइल नंबर पर एक कूपन जारी होता है। जिसमें 5 रुपए की सब्जिडी दी जाती है। फिर युवक के मोबाइल पर धन्यवाद का मैसेज भेजा जाता है।