सार

मध्य प्रदेश के भिंड से पुलिस की अपनी एक कार्रवाई का ऐसा दिलचस्प मामला सामने आया है। जिसको लेकर वह  जनता के बीच हंसी का पात्र बन गई है। क्योंकि यहां पर मंदिर से शनिदेव की मूर्ति चोरी हो गई थी। पुलिसकर्मियों ने पुजारी को यमराज की मूर्ति सौंपते हुए कहा-मिल गई शनिवेद की प्रतिमा ये रही।

 भिंड (मध्य प्रदेश). देश में आए दिन पुलिस कुछ ना कुछ ऐसा कांड कर जाती है, जिसके चलते खाकी वर्दी का मजाक बन जाता है। मध्य प्रदेश के भिंड से पुलिस की अपनी एक कार्रवाई का ऐसा दिलचस्प मामला सामने आया है। जिसको लेकर वह  जनता के बीच हंसी का पात्र बन गई है। क्योंकि यहां पर मंदिर से शनिदेव की मूर्ति चोरी हो गई थी। पुलिसकर्मियों ने पुजारी को यमराज की मूर्ति सौंपते हुए कहा-मिल गई शनिवेद की प्रतिमा ये रही।

मूर्ति को लेकर गांववालों में जमकर गुस्सा
दरअसल, कुछ दिन पहले भिंड के लहार के भाटन ताल के पास बने मशहूर नवग्रह शनि भगवान के मंदिर से से कुछ अज्ञात चोरों ने शनिदेव की मूर्ति  चुरा ली थी। मामले का पता चलले ही ग्रामीण तत्काल पुलिस थाने पहुंचे और चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। स्थानीय लोगों में इसको लेकर बेहद गुस्सा था, जिसके बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी।

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मूर्ति देखते ही पूरे गांव में मचा हड़कंप
शनिवार रात लहार एसडीओपी अवनीश बंसल खुद एक मूर्ति लेकर नवग्रह मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने ग्रामीणों को बुलाया और यह मूर्ति सौंप दी। इतना ही नहीं पुलिस ने यह भी बता दिया कि उनको यह प्रतिमा जेतपुरा गांव के पास एक खेत में मिली है। लेकिन जब मंदिर के पुजारी ने मूर्ति देखी तो उन्होंने कहा कि यह मूर्ति शनिदेव भगवान की नहीं है। जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। लोगों को यकीन भी नहीं हुआ कि पुलिस भी ऐसी झूठी हो सकती है। क्योंकि पुलिस जिस मूर्ति को बरामद करके मंदिर लाई वह मूर्ति यमराज की निकली।

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पुलिस की कार्रवाई पर उठे कई सवाल
अब पुलिस की इस कार्रवाई पर ग्रामीण कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। मंदिर के पुजारी का कहना है कि जो मूर्ति चोरी हुई है वह शनिदेव की है। लेकिन पुलिस ने यमराज की प्रतिमा पकड़ाकर श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। गांव के लोग अब इस मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि उसे ही मंदिर में स्थापित किया जाएगा। क्योंकि जिन श्रद्धालुओं ने यहां पूजा की है उनका साफ तौर पर कहना है कि यह मूर्ति शनिदेव की नहीं बल्कि यमराज की है।

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