सार

बदनावर प्रशासन लोगों को नाम बदलकर जाति प्रमाण पत्र दे रहा है। प्रमाण पत्रों में जाति बदलने की वजह से उनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।


धार:  जैसे एक मात्रा से पूरे वाक्य का अर्थ बदल जाता है, वैसे ही महज एक अक्षर के फेर से, 11 हजार लोग अनुसूचित जनजाति (एसटी) से अनुसूचित जाति (एससी) के हो गए। घटना मध्यप्रदेश के धार जिले की है। यहां बदनावर तहसील में मोगिया समाज के लोग रहते हैं। बदनावर प्रशासन वहां के लोगों को जाति प्रमाण पत्र दे रहा है, लेकिन उस पर 'मोगिया' की जगह 'मोघिया' लिख रहा है। प्रशासन की इस गलती की वजह से लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
लोगों के मुताबिक, भू-राजस्व रिकॉर्ड में जो जाति लिखी है, उसके अनुसार उन्हें जाति प्रमाण पत्र नहीं दिए जा रहे।

हरिजन समाज का ही प्रमाण पत्र

बदनावर एसडीएम नेहा साहू ने कहा कि ये लोग मोगिया समाज में नहीं आते हैं इसलिए इनको अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता। इनको हरिजन समाज का ही जाति प्रमाण पत्र देंगे। मोगिया समाज की 22,000 जनसंख्या है और 5000 शिक्षित वर्ग है। पहले तहसील में रहने वाले समाज के अनुसूचित जनजाती वर्ग के प्रमाण पत्र जारी किए थे लेकिन उनमें सिर्फ उनके बच्चों के प्रमाण पत्र में जाति बदली जा रही हैं।