सार

अगर किसी संस्था में छात्रों के द्वारा रैंगिग करते हुए पाया जाता है तो उसे कई तरह की सजाएं दी जा सकती हैं। रैंगिग करने वाले छात्र का एडमिशन कैंसल किया जा सकता है या फिर छात्र को कॉलेज से निलंबित किया जा सकता है।

रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में रैगिंग के मामला सामने आने के बाद 7 छात्रों को एक साल के लिए कॉलेज प्रशासन ने निष्कासित कर दिया। मामला जुलाई का है। लेकिन इस मामले में नया मोड सामने आया है। रतलाम के सरकारी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में सीनियर छात्र, जूनियर छात्रों को लाइन में खड़ा कर थप्पड़ मार रहे हैं। इसके साथ ही गालियां भी दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि रैंगिग करने वाले छात्र नशे की हालत में थे। आइए जानते हैं रैगिंग के जुड़े कुछ नियम। 

रैगिंग क्या होती है?
बता दें कि देशभर में रैगिंग को बैन किया गया है। रैंगिग एक तरह का शोषण है। कॉलेज में नए एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के साथ कई बार सीनियर छात्र फिजिकल औऱ मेंटल रूप से प्रताड़ित करते हैं उसे ही रैगिंग कहा जाता है। रैंगिग के दौरान जूनियर छात्रों को अपना परिचय देने को कहा जाता है इसके साथ ही उनसे कई तरह के काम भी करवाए जाते हैं। देश के उच्च शिक्षा संस्थानों मे रैगिंग को रोकने के लिए कानून बने हैं। UGC रेगुलेशन 2009, के तहत नियंत्रित किया जाता है। इसेके अलावा सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी रैंगिग को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की गई है।

क्या मिलती है सजा
अगर किसी संस्था में छात्रों के द्वारा रैंगिग करते हुए पाया जाता है तो उसे कई तरह की सजाएं दी जा सकती हैं। रैंगिग करने वाले छात्र का एडमिशन कैंसल किया जा सकता है या फिर छात्र को कॉलेज से निलंबित किया जा सकता है। अगर किसी छात्र को स्कॉलरशिप मिलती है तो उसकी सुविधा को भी बंद किया जा सकता है। इसके अलावा छात्र पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

मंत्री ने कहा था होगी सख्त कार्रवाई
मंत्री ने कहा- मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मामले में कहा था कि "रैगिंग पूरी तरह से बैन है फिर भी ऐसी शिकायत आई है तो उस पर जांच के बाद कार्रवाई होगी। बाद में इस मामले में 7 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया था। 

मेल पर मिली थी शिकायत
इस घटना की शिकायत जूनियर छात्रों के द्वारा मेल पर की गई थी। बताया जा रहा है कि जिन छात्रों ने रैंगिग की थी उन्होंने नशे की हालत में वॉर्डन पर भी हमला किया था। उन्होंने वॉर्डन के ऊपर बोतलें फेंकी थीं। जिसके बाद रतलाम में सरकारी मेडिकल कॉलेज की अनुशासन समिति ने सख्त कार्रवाई के लिए कहा था। 

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