सार
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद पर आसीन होने के बाद पहली बार मध्य प्रदेश की यात्रा पर आ रही हैं। 15 नवंबर को आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन शहडोल में आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम से करेंगी प्रदेश में पेसा एक्ट की शुरूआत।
शहडोल (shahdol). मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की जयंती में 15 नवंबर को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके तहत कई आदिवासी बहुल इलाकों मे राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस बार प्रदेश में यह प्रोग्राम शहडोल जिले में आयोजित किया जा रहा है। इसके चलते वहां तैयारियां की जा रही है और इस बार मध्यप्रदेश के लिए यह कार्यक्रम और भी खास होने वाला है क्योंकि देश की राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद पहली बार राज्य की यात्रा पर है और इस कार्यक्रम में शिरकत करने के साथ यहां की जनता को पेसा एक्ट की सौगात देंगी। जानिए क्या है पेसा एक्ट जिसकी राष्ट्रपति मुर्मू गौरव दिवस के दिन करेंगी शुरूआत।
दो दिनी यात्रा पर आएंगी राष्ट्रपति
देश की राष्ट्रपति पद पर आसीन द्रौपदी मुर्मू कल और परसो यानि 15 व 16 नवंबर के दिन प्रदेश की यात्रा पर रहेंगी इसके चलते वे गौरव दिवस के दिन शहडोल में होने वाले आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम को अटेंड करेंगी। इसके अलावा वे भोपाल में भी होने वाले महिला स्व सहायता समूह में भी भाग लेगी। प्रेसिडेंट के प्रदेश आगमन की जानाकारी राज्य सु्प्रीमों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति का जनजातीय परंपराओं के अनुसार स्वागत किया जाएगा, जिसकी तैयारियां करने के निर्देश दिए गए है। अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पहली बार प्रदेश में पेसा एक्ट की शुरूआत करेगी। कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद 1 लाख लोगों को इस अधिनियम के बारे में जानकारी दी जाएगी।
क्या है पेसा अधिनियम, जिसकी प्रदेश में होगी शुरूआत
भारतीय संविधान के निर्माण के बाद हुए इसके 73 वें संशोधन में देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई। लेकिन इसे संपादित करने के बाद यह देखा गया कि इसके प्रावधानों में अनुसूचित क्षेत्रों खासकर आदिवासी क्षेत्रों की आवश्यकताओं का ध्यान इस अमेडमेंट में नहीं रखा गया है। इस कमी को दूर करने के लिए साल 1996 में संविधान के भाग 9 के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में स्पेशल पंचायत व्यवस्था लागू करने के लिए पंचायत ( अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम बनाया गया। इसके बाद 24 दिसंबर 1996 को राष्ट्रपति द्वारा मान्य कर दिया गया। यही अधिनियम गौरव दिवस के दिन मध्यप्रदेश में जारी किया जाएगा।
आदिवासियों को मिलेगी ये सुविधाएं
पेशा (PESA) अधिनियम 1996 लागू होने के बाद यहां के आदिवासियों को ग्राम सभा को लोकल लेवल पर रोजगार, लैंड मैनेजमेंट, फॉरेस्ट मैनेजमेंट, कल्चर सेफ्टी और प्रिजर्वेश की सुविधा मिलेगी। यहां के इलाके में को शराब की दुकान खुलेगी की नहीं इसका फैसला लेने का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही यदि कोई किसी की जमीन संबंधी सौदा करता है तो पहले उसे ग्राम सभा की परिमिशन लेनी पड़ेगी। सामान्य अर्थों में देखा जाए तो इस अधिनियम के तहत अनुसूचित क्षेत्रों की पंचायतों वहां के जनजातीय लोगों की आवश्यकता के अनुसार शक्ति युक्त बनाना है।