सार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर भरी मीटिंग में गुस्सा आ गया। यह गुस्सा उस दौरान आया जब सीएम की मीटिंग में बार-बार माइक बंद हो रहा था। खराब माइक से वो परेशान हो गए। वह भी उस वक्त जब सीएम पंचायत चुनाव में निर्विरोध चुने गए जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे।   

भोपाल (मध्य प्रदेश). बीच कार्यक्रम में अचानक माइक का बंद होना आम बात है। लेकिन सोचिए यही काम अगर मुख्यमंत्री की मीटिंग में हो जाए, वो भी तब जब सीएम शिवराज सिंह स्पीच दे रहे हो। जी हां कुछ ऐसा ही हुआ है सीएम शिवराज से साथ, वो प्रदेश में पंचायत चुनाव में निर्विरोध चुने गए जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे। इसी दौरन माइक बार-बार बंद हो रहा था। इसी बात पर मुख्यमंत्री को गुस्सा आ गया और अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा- कैसा माइक है, जिसमें आवाज तक नहीं आ रही है। इस तरह के घटिया माइक सीएम आवास में नहीं लगाया कीजिए।

कांग्रेस ने माइक बंद को लेकर सीएम शिवराज पर कसा तंज
वहीं सीएम शिवराज के कार्यक्रम में माइक बंद को लेकर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अश्विन सिंह बुंदेला तंज कसते हुए कहा-शिवराज जी काश आपको इतना ही गुस्सा अघोषित बिजली कटौती पर भी आता बदहाल सड़कों, लचर कानून व्यवस्था,आदिवासी अत्याचार,महिलाओं के साथ होते बलात्कारों पर भी आता। लेकिन नहीं आप को खराब माइक पर तो गुस्सा आता है लेकिन जनता की परेशानी पर कभी गुस्सा नहीं आता। अंधेर नगरी....

जब सीएम के प्रोग्राम में गुल हो गई थी बिजली
बता दें कि सीएम के आयोजन में इस तरह की गडबड़ी और मुख्यमंत्री का गु्स्सा कोई पहली बार नहीं आया है। हाल ही में दो महीने पहले जब सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रोग्राम में अचानक बिजली गुल होने से माइक बंद हो गया था। ये वाकया भी उस दौरान हुआ था जब CM भाषण दे रहे थे। बीच में बिजली गुल होने पर उन्होंने मुस्कुराते हुए अधिकारियों से कहा था कि क्या प्रदेश में कोयले का संकट है। इतना ही नहीं ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव (PS) का नाम लेकर पूछा था- संजय दुबे हैं क्या...?  अब इस तरह से बिजली जाएगी।

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