सार
भोपाल में एक नवजात बच्चे के लावारिश मिलने की घटना सामने आई है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात ठंड में यह बच्चा खुले में पड़ा था। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे और फिर पुलिस को सूचित किया। इसके बाद बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
भोपाल, मध्य प्रदेश. मां का अपने बच्चे से एक अटूट रिश्ता होता है। मां और बच्चे के रिश्ते से बड़ा दुनिया में कोई दूसरा रिश्ता नहीं। लेकिन कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जो बेहद शर्मनाक होते हैं। कारण कोई भी हो, लेकिन जन्म देने के बाद अपने बच्चे को मरने के लिए छोड़ देने के लगातार मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला भोपाल में सामने आया है। गनीमत रही कि लोगों की नजर समय रहते बच्चे पर पड़ी गई, इससे उसकी जान बच गई। बच्चा ठंड में बाहर पड़ा हुआ था।
चार दिन का है बच्चा
मामला मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 3.30 बजे का है। यहां भेल क्षेत्र स्थित करियर कॉलेज के पीछे स्थित है एकता नगर में किसी महिला ने बच्चे को रोते हुए देखा। उसकी आवाज पर कॉलोनी के कुछ लोग और वहां पहुंचे। देखा कि बच्चा ठंड से रो रहा था। वो सिर्फ एक चादर में लिपटा था। लोगों ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके इसकी जानकारी दी। आधा घंटे बाद गोविंदपुरा क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे हेडकांस्टेबल सिद्धार्थ जामनिक और पायलट दशरथ वहां पहुंचे। उन्होंने बच्चे को जेपी अस्पताल पहुंचाया। यानी बच्चे को करीब 5.30 बजे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जेपी अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई के प्रभारी ओम प्रजापति के मुताबिक बच्चे का वजन 2.200 किलो है। चूंकि बच्चे की कॉर्ड सूख चुकी है, इसलिए जन्म का ठीक से अंदाजा नहीं लगाया जा सका। पर माना जा रहा है कि बच्चे का जन्म 4 दिन पहले हुआ होगा। बच्चे की अब नर्स कल्पना सोनी, सविता यादव व रेखा पाल देखभाल कर रही हैं। बच्चे का नाम कौरव रखा गया है। उसे मदर मिल्क बैंक का दूध पिलाया जा रहा है। आगे पढ़ें एक अन्य घटना...
पुलिस अंकल की हैवानियत, बच्ची ने जब उसे पापा नहीं बोला, तो सिगरेट से पूरा बदन दाग दिया
बालोद, छत्तीसगढ़. एक मासूम बच्ची पर खाकी का रौब दिखाकर टॉर्चर करने का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया था। एक पुलिसकर्मी ने अपने मकान मालिक की मासूम बेटी का पूरा बदन इसलिए सिगरेट से दाग दिया, क्योंकि उसने पापा नहीं बोला था। घटना हफ्तेभर पहले गुरुवार रात की है। हैरानी की बात यह है कि नवरात्र में आरोपी ने कन्याभोज कराया था और अब एक बच्ची पर जुल्म ढा दिए।
उधारी के पैसे वसूलने गया था
आरोपी कांस्टेबल अविनाश राय सिवनी गांव में लक्ष्मी नांनदर के घर किराये से रहता था। वो बालोद के रक्षित केंद्र में पदस्थ है। महीनेभर पहले उसका ट्रांसफर दुर्ग के रक्षित केंद्र में हो गया। लॉकडाउन में उसने लक्ष्मी को कुछ पैसे उधार दिए थे। 24 अक्टूबर को वो उधारी वसूलने पहुंचा था। रात को वो लक्ष्मी के घर ही रुका। आरोप है कि गुरुवार रात को आरोपी शराब के नशे में पहुंचा। उसने बाहर खेल रही बच्ची को बुलाया और उससे पापा बोलने को कहा। जब उसने ऐसा नहीं किया, तो आरोपी ने सिगरेट से उसे 15 जगह दाग दिया। जब लक्ष्मी ने उसे रोका, तो आरोपी ने उसे भी पीट दिया। इसके बाद महिला बच्ची को लेकर महिला थाने पहुंची।
बाल संरक्षण आयोग में पहुंचा मामला
मामला राज्य बाल संरक्षण आयोग के संज्ञान में आया है। आयोग ने बालोद और दुर्ग के एसपी को पत्र लिखकर आरोपी को नौकरी से बर्खास्त करने को लिखा है।