सार
उज्जैन महाकाल मंदिर के भव्य कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसके पहले फेज का उद्घाटन भी पीएम मोदी कर चुके हैं। महाकाल के बाद अब सूबे के कईऔर मदिरों की सूरत संवारी जाएगी।
भोपाल(Madhya Pradesh). पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश काफी महत्वपूर्ण है। देश-विदेश से पर्यटकों के लिए मध्य प्रदेश पहली पसंद रहा है। उज्जैन महाकाल मंदिर के भव्य कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसके पहले फेज का उद्घाटन भी पीएम मोदी कर चुके हैं। महाकाल के बाद अब सूबे के कईऔर मदिरों की सूरत संवारी जाएगी। इसके लिए 3 हजार करोड़ रूपए का बजट पास किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश को 2023 विधानसभा चुनाव से पहले धर्म से सराबोर करने का पूरा अभियान बन रहा है। उज्जैन में ''श्री महाकाल लोक'' के लोकार्पण के बाद प्रदेश के दूसरे बडे़ मंदिरों को भी संवारने की योजना है। शिवराज सरकार अगले दो साल में मध्य प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को संवारने का काम करेगी। शिवराज सरकार अगले 2 सालों में मध्य प्रदेश के प्रमुख मंदिरों का कायाकल्प करने जा रही है, प्रदेश के मंदिरों को 3000 करोड़ की लागत से सजाया और सवारा जाएगा। जिसकी शुरुआत ''श्री महाकाल लोक'' से हो चुकी है, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
तीन हजार करोड़ से सवरेंगे मध्य प्रदेश के ये मंदिर
उज्जैन महाकाल के बाद अब सूबे के इन मंदिरों का विस्तारीकरण होगा। सरकार ने इसके लिए पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया है। एमपी सरकार ने जिन मंदिरों को संवारने की योजना बनाई है उसमें ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा जिला),सलकनपुर माता मंदिर (सीहोर जिला), पीताम्बरा मंदिर (दतिया जिला),शनिश्चरा मंदिर (चित्रकूट सतना जिला),मैहर माता मंदिर (सतना जिला) शामिल हैं।
पर्यटन मंत्रालय को दी गई मंदिरों के विस्तारीकरण की जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश सरकार राज्य के जिन मंदिरों का विस्तारीकरण करवाने जा रही है उसमें दूसरे ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर मंदिर का काम सबसे पहले शुरू हो सकता है। यहां 108 फीट की शंकराचार्य की प्रतिमा भी बनेगी। इसके अलावा महाकाल लोक की तरह अलग-अलग चरणों में 2141.85 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत यह काम होगा। बताया जा रहा है कि यहां आदि शंकराचार्य की जो प्रतिमा तैयार होगी वह 500 साल तक सुरक्षित रहेगी। विस्तारीकरण के तहत इन मंदिरों का ना केवल स्वरूप बदलेगा, बल्कि श्रद्धालुओं के हिसाब से यहां सुविधाएं भी तैयार होंगी, ताकि भक्तों को ज्यादा से ज्यादा से भव्य स्वरूप मंदिरों का देखने को मिल सके। मंदिरों के विस्तारीकरण के लिए पर्यटन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।