सार
उज्जैन से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहां प्रेमी के साथ लिव इन में रहने वाली नर्स पर एसिट फेंक कर उसे आरोपी ने जिदंगी भर का दर्द दे दिया। इसके बाद प्रेमी मौके से भाग गया। फिलहाल वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
उज्जैन, महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए दिनभर भूखी-प्यासी इस व्रत को रखती हैं। रात में चांद का दीदार करने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर और प्रसाद खाकर अपना व्रत खोलती हैं। लेकिन इसी दिन उज्जैन से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहां प्रेमी के साथ लिव इन में रहने वाली नर्स पर एसिट फेंक कर उसे आरोपी ने जिदंगी भर का दर्द दे दिया। इसके बाद प्रेमी मौके से भाग गया।
सोते में प्रेमिका के ऊपर फेंका तेजाब
दरअसल, यह दर्दनाक घटना आज करवा चौथ के दिन सुबह 6 बजे घटी। जहां मुकेश नाम के प्रेमी ने अपनी प्रेमिका सुनीता पर सोते में तेजाब फेंक दिया। एसिट इतना तेज था कि बिस्तर तक जल गया। पीड़िता का चेहरे से लेकर शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह झुलस गया। जहां उसको किसी तरह आसपास के लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
(पीड़िता का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है)
पति से तलाक के बाद दोस्त से करने लगी प्यार
पीड़ित के पिता मनोहरलाल रावत ने बताया कि उनकी बेटी सुनीता की शादी आस से 20 साल पहले 2000 में शमशाबाद के रहने वाले अनिल पटवा से हुई थी। जहां उनको दो बच्चे भी हुए, लेकिन फिर दोनों में आए दिन झगड़ा होने लगा। बात तलाक तक पहुंच गई और 2007 में उन्होंने अलग होने का फैसला लेते हुए तलाक ले लिया। दोनों बच्चे पति के पास ही रहते हैं। इसके बाद वह हमारे पास आ गई, फिर गांव के ही मुकेश से सुनीता की दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे वह एक-दूसरे को पसंद करने लगे।
बिना शादी के पति-पत्नी के रहते थे दोनों
पिता ने बताया कि कुछ समय बाद सुनीता का नर्सिंग का कोर्स पूरा हो गया और उज्जैन शहर के तेजेनकर हॉस्पिटल में नौकरी लग गई। इसी दौरान मुकेश भी वहां पहुंच गया और दोनों साईंधाम कॉलोनी में किराए के मकान में सुनीता और मुकेश रहने लगे। दोनों के बीच पति-पत्नी की तरह संबंध बन गए। लेकिन जब कभी सुनीता मुकेश से शादी का बोलती तो बहाना बना देता था।
(एसिड के कारण गद्दा भी जल गया।)
बेटी का चेहरा देख दंग रह गए पिता
पुलिस को दी शिकायत में सुनीता के परिजनों ने बताया कि आरोपी मुकेश उनकी बेटी पर शक करने लगा था। यहां तक कि अस्पताल में आकर उसकी निगरानी करता था। जब सुनीता किसी मरीज से बात करती तो बीच में टोकने लगता। वह उसे नौकरी छोड़ने के लिए कह रहा था। इतना ही नहीं आए दिन उसके साथ मारपीट तक करने लगा। पिता मनोहर ने बताया कि सुनीता का चेहरा देखकर वह दंग रह गए। क्योंकि चेहरा पूरी तरह से झुलस चुका था।