सार
मानवता को शर्मसार करने वाली यह खबर सतना के बड़खेरा ग्राम स्थित बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट से सामने आई है। जहां यूज की हुई पीपीई ड्रेस को धोकर कर नए सिरे से तैयार करके और पैक कर मेडिकल की दुकानों पर बेची जा रही है।
सतना. (मध्य प्रदेश). कोरोनाकाल में अभी तक आपने रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी की खबरें खूब सुनी और देखी होंगी। कैसे लोग आपदा को अपना अवसर बनाते हुए लोगों की जिंदगी के साथ खिलबाड़ करने में लगे हुए हैं। लेकिन अब जो मामला आया है वह बेहद हैरान करने वाला है। एमपी के सतना में इस्तेमाल की हुई PPE किट गर्म पानी में धोकर फिर से बाजार में बेची जा रही है।
ऐसे गर्म पानी में धोकर बाजार में बेची जा रही PPE किट
दरअसल, मानवता को शर्मसार करने वाली यह खबर सतना के बड़खेरा ग्राम स्थित बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट से सामने आई है। जहां यूज की हुई पीपीई ड्रेस को धोकर कर नए सिरे से तैयार करके और पैक कर मेडिकल की दुकानों पर बेची जा रही है। यहां कोई एक दो नहीं बल्कि हजारों की संख्या में किट को गर्म पानी में धोकर बंडल बनाए जा रहे हैं।
शासन-प्रशासन में मचा हड़कंप
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल तेजी से हो रहा है। जिसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी लगते ही कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं एसडीएम राजेश शाही ने एक स्पेशल टीम तैयार कर बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट में जाकर जांच करने के लिए भेज दी है। साथ ही कहा कि अगर मामले की सच्चाई सामने आती है तो इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसके बाद यह रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी।
पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क को लेकर ये हैं नियम
बता दें कि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक, पीपीई किट को एक बार यूज करने के बाद पूरी तरीके से नष्ट करने का नियम है। ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले। सात ही कोई उसे दोबारा उपयोग में नहीं लाए। वहीं पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए बड़खेरा के इस इंडो वॉटर बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट में भेजा जाता है। लेकिन जिस तरह का मामला सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला है। क्योंकि इन किन को पहनकर ही डॉक्टर और नर्स कोरोना मरीजों का इलाज करते हैं।