सार

मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आय़ा है। यहां के एक सरकारी स्कूल में मजार जैसी संरचना के निर्माण की खबरें मिलने से हड़कंप मच गया। इसके बाद मामले में संज्ञान में लेते हुए वहां के प्रिसिंपल को पद से हटा दिया गया है। साथ ही घटना की जांच  की जा रही है।

विदिशा. मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक सरकारी स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल स्कूल के प्रधानाध्यापक को वहां इस्लामिक मजार या मकबरे जैसी संरचना का निर्माण कराते हुए पाए जाने के बाद से उनको पद से  निलंबित कर दिया गया है। मामले में जिला कलेक्टर उमा शंकर भार्गव ने कहा कि सीएम राइज स्कूल के बारे में मीडिया रिपोर्टों और स्कूल परिसर में नमाज अदा करने की शिकायतों के बाद जांच के आदेश दिए गए थे।

कुछ दिनों पहले ही शुरू की गई सीएम राइज स्कूल योजना
प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश के हर जिले में सीएम राइज स्कूल (CM rise school) का कन्सेप्ट लेकर आए थे। जिसके तहत सरकारी स्कूलों में प्रायवेट स्कूलों जैसी सुविधाए मिलेगी। इसके चलते ही कुछ जिलों में इसके तहत शिक्षण कार्यक्रम शुरू भी हो चुका है। इसी दौरान विदिशा जिले के सीएम राइज स्कूल में  मजार जैसी संरचना का निर्माण होना पाया गया। जिससे की पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मामले का खुलासा बाल आयोग के अचानक स्कूल निरीक्षण के दौरान सामने आया। जैसे ही मामला प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के पास पहुंचा उन्होंने वहां के प्रधानाचार्य को सस्पेंड करते हुए मामले में जांच के आदेश दिए है।

तात्कालिक प्रिंसिपल ने अलग कमरा बनवाया
बाल आयोग की रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि सीएम राइज स्कूल के मौजूदा प्रिंसिपल शायना फिरदौस ने स्कूल में एक कमरा अपने और साथ ही समुदाय विशेष के शिक्षकोंके लिए अलग से बनवा रखा है। जहां वे नमाज अदा करते है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि फरवरी 2022 में ही प्रभारी प्रचार्य रहते हुए ही शायना ने मजारनुमा चबूतरा बना लिया था। जांच रिपोर्ट कहा गया है कि नमाज की शिकायत निराधार है लेकिन स्कूल में मजार है। वहीं प्रिंसिपल के करीबी सूत्रों ने कहा कि एक मौजूदा मजार का नवीनीकरण किया गया था और कोई नया निर्माण नहीं हुआ था।

बाल आयोग की शिकायत पर जांच हुई शुरू
विदिशा स्थित सीएम राइज स्कूल में "मज़ार जैसी संरचना" के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की रिपोर्ट में शाहीना फिरदौस (पूर्व प्रिंसिपल) और उनके पति बन्ने खान के खिलाफ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और परिसर से अवैध संरचनाओं को हटाने के लिए प्राथमिकी की सिफारिश की गई है। जिस पर जिला के कलेक्टर द्वारा प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की और निलंबन आदेश जारी किया। इसके साथ ही निर्माण को वहां से हटाया जाएगा।

शिक्षा  मंत्री ने कही ये बात
यदि किसी परिसर में कोई निर्माण होता है तो संस्था के प्रमुख के रूप में प्रधानाचार्य या प्रधान प्रभारी इसके लिए जवाबदेह हैं। इसलिए, हमने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आगे बताया कि हम एक टीम बना रहे हैं। टीम छात्रों के बयान भी दर्ज करेगी, उसके बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।

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