सार

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान की ‘15 करोड़ मुस्लिम 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे’ वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के भाजपा विधान पार्षद गिरिश व्यास ने कहा कि गुजरात में जो कुछ हुआ उसे उन्हें नहीं भूलना चाहिए

नागपुर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान की ‘15 करोड़ मुस्लिम 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे’ वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के भाजपा विधान पार्षद गिरिश व्यास ने कहा कि गुजरात में जो कुछ हुआ उसे उन्हें नहीं भूलना चाहिए।

व्यास विधान पार्षद होने के साथ-साथ भाजपा के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से पठान जैसे लोगों का बहिष्कार करने और ‘उन्हें सबक सिखाने’ की अपील की है।

देश के युवा देभभक्त है 

व्यास ने टीवी9 समाचार चैनल के साथ शुक्रवार को बात करते हुए कहा, ‘इस देश के युवा, देभभक्त और भाजपा का प्रत्येक युवा वारिस पठान को उसी भाषा में जवाब दे सकता है जैसा उन्होंने इस्तेमाल किया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत सहिष्णु और धैर्यवान हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम इससे निपट नहीं सकते हैं। क्या गुजरात के कालुपुर में जो हुआ था, वह याद है। अगर उसे याद रखें...तो मेरा विश्वास है कि मुस्लिम आज उठने की कोशिश का साहस नहीं करेंगे।’’

समाज में आपसी भाईचारा बना रहे

व्यास गुजरात में गोधरा के बाद वाले 2002 के दंगे का हवाला दे रहे थे । इस दंगे में 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे जिनमें से ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय से थे। उन्होंने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पठान के खिलाफ राजद्रोह की कार्रवाई करनी चाहिए और भारत सरकार को उसे पाकिस्तान भेज देना चाहिए।’’

नागपुर के रहनेवाले व्यास ने पठान को इस शहर आने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘हम आपके लिए सही व्यवस्था करेंगे कि क्या आप यह समझते हैं कि हमने चूड़ियां पहन रखी हैं? हम आप से निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम यह चाहते हैं कि समाज में आपसी भाईचारा बना रहे।’’

उत्तरी कर्नाटक में 16 फरवरी को कलबुर्गी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ एक रैली को संबोधित करते हुए पठान ने कहा था, ‘‘ हमें साथ आना होगा। हमें आजादी लेनी होगी। जो चीजें मांगकर नहीं मिलती हैं, उनसे जबरन लेना होगा, याद रखें...भले ही हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी हैं।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)