सार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) आज शिवसेना के बागी विधायकों के साथ मुंबई लौटेंगे। दूसरी ओर शिवसेना ने भाजपा पर तंज कसा है। शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी के लोग बड़े मन की बात कर रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी कह गए हैं, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) आज शिवसेना के बागी विधायकों के साथ मुंबई लौटेंगे। 11 दिन बाद बागी विधायक मुंबई आएंगे। 21 जून को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों ने बगावत की थी और मुंबई से सूरत चले गए थे। इसके बाद वे गुवाहाटी फिर गोवा गए। 

दूसरी ओर शिवसेना ने भाजपा पर तंज कसा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि बीजेपी के लोग बड़े मन की बात कर रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी कह गए हैं, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। जिस तरह महाराष्ट्र में तख्तापलट किया गया वह अपराध है। सामना में अटल बिहारी वाजपेयी की कविता को प्रकाशित किया गया है। कविता है...

हिमालय की चोटी पर पहुंच,
एवरेस्ट विजय की पताका फहरा,
कोई विजेता यदि ईर्ष्या से दग्ध,
अपने साथी से विश्वासघात करे
तो उसका क्या अपराध
इसलिए क्षम्य हो जाए
कि वो एवरेस्ट पर चढ़ गया?

शिंदे को शिवसेना नेता के पद से हटाया 
सोमवार को सुप्रीम में शिवसेना के बागी 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई भी होगी। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना के नेता के पद से हटा दिया है। उन्होंने एक पत्र जारी कर कहा कि एकनाथ ने पार्टी विरोधी काम किए और स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ दी है। 

शिंदे गुट का दावा उनकी है असली शिवसेना 
वहीं, शिंदे ने दावा किया है कि वह शिवसेना के नेता हैं। उन्होंने कभी भी खुद को पक्ष प्रमुख (पार्टी प्रमुख) नहीं कहा। ठाकरे तकनीकी रूप से अभी भी पार्टी प्रमुख हैं। शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वे असली शिवसेना हैं। विद्रोहियों का तर्क है कि ठाकरे ने स्वाभाविक सहयोगी भाजपा के बजाय शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपने पिता बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को कमजोर किया है। 

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गौरतलब है कि शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर दिया था। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था।

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