सार

ईडी (Enforcement Directorate) ने शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को नया समन जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की एक 'चॉल' के री-डेवलपमेंट और उनकी पत्नी के अलावा दोस्तों के अन्य फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) की जांच में पूछताछ के लिए तलब किया है।

मुंबई। ईडी (Enforcement Directorate) ने शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को नया समन जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की एक 'चॉल' के री-डेवलपमेंट और उनकी पत्नी के अलावा दोस्तों के अन्य फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) की जांच में पूछताछ के लिए तलब किया है। संजय राउत को दक्षिण मुंबई में ED के कार्यालय में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा गया है। राउत को अब 1 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

जानिए क्यों ईडी को जारी करना पड़ा दूसरा समन

ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि संजय राउत के वकील ने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कुछ समय मांगा था। राउत मंगलवार को अलीबाग (रायगढ़ जिले) में रहेंगे। यह प्रोग्राम पहले से तय था, इसलिए वह ईडी के समन पर पहुंच नहीं सकेंगे। मंगलवार को सुबह संजय राउत के वकील ने ईडी में पहुंचकर समन की तारीख को बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद ईडी ने नया समन जारी किया है।

यह है मामला

ईडी ने कहा कि गुरु आशीष ने चॉल को फिर से विकसित करने के लिए किरायेदारों और म्हाडा के साथ ट्री पार्टीज एग्रीमेंट किया था। इसके तहत डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट देना था और म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था। इसके बाद बचे एरिया को डेवलपर बेच सकता था। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और नौ डेवलपर्स को एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) बेचने में कामयाब रहे और 672 विस्थापित किरायेदारों और म्हाडा हिस्से के लिए पुनर्वसन हिस्से( rehab portion) का निर्माण किए बिना लगभग 901.79 करोड़ रुपए जुटा लिए। इस रियल्टी कंपनी ने मीडोज नाम से एक प्रोजेक्ट भी लॉन्च किया और फ्लैट खरीदारों से लगभग 138 करोड़ रुपये की बुकिंग राशि ली।  आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों द्वारा अवैध गतिविधियों के माध्यम से करीब 1,039.79 करोड़ रुपये जुटाए। बाद में इस ब्लैक मनी का एक हिस्सा आगे करीबी सहयोगियों को ट्रांसफर कर दिया। 

83 लाख रुपये का उधार बन गया है जंजाल

ईडी की जांच में पाया गया कि एचडीआईएल से प्रवीण राउत के खाते में करीब 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इस राशि को प्रवीण राउत ने अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्य, उनकी व्यावसायिक संस्थाओं आदि के विभिन्न खातों में डायवर्ट किया। 2010 के दौरान, 83 लाख रुपये वर्षा राउत (संजय राउत की पत्नी) को डायरेक्ट / इनडायरेक्टली प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी प्रवीण राउत से प्राप्त हुआ था। एजेंसी ने आरोप लगाया, कि इस पैसे से वर्षा राउत ने दादर पूर्व में फ्लैट खरीदा।

हालांकि ईडी की जांच में पाया गया कि यह पैसा बाद में वर्षा राउत ने माधुरी राउत को वापस कर दिया था।  एजेंसी ने अप्रैल में प्रवीण राउत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी ने पिछले साल वर्षा राउत से पीएमसी बैंक मामले और प्रवीण राउत की पत्नी के साथ उनके कथित संबंधों के संबंध में पूछताछ की थी। जांच में पाया गया कि वर्षा संजय राउत और माधुरी प्रवीण राउत अवनी कंस्ट्रक्शन में भागीदार हैं और वर्षा राउत को इस यूनिट से केवल 5,625 रुपये के योगदान पर 12 लाख रुपये (ऋण में परिवर्तित पूंजी के रूप में) प्राप्त हुए हैं। 

ईडी ने केस दर्ज कर कई संपत्तियां की थी कुर्क

अप्रैल में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत व उनके सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को कुर्क किया था। कुर्क की गई संपत्तियां संजय राउत के सहयोगी और 'गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड' के पूर्व निदेशक प्रवीण एम राउत के पास पालघर, सफले (पालघर का शहर) और पड़घा (ठाणे जिला) के पास जमीन के रूप में हैं।

ईडी के मुताबिक, सुजीत पाटकर संजय राउत का करीबी सहयोगी है। केंद्रीय एजेंसी, संजय राउत से प्रवीण राउत और पाटकर के साथ उनके बिजनेस और अन्य लिंक के बारे में और उनकी पत्नी से जुड़े संपत्ति सौदों के बारे में जानना चाहती है। फरवरी में प्रवीण राउत को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने कहा था कि वह या किसी प्रभावशाली व्यक्ति (व्यक्तियों) के साथ मिलीभगत कर रहा है। ED ने कहा था कि जांच के दौरान यह पता चला है कि उसने कुछ पॉलिटिकल एक्सपोज्ड पर्सन को भुगतान किया था।

एजेंसी की जांच में सामने आया

ED ने आरोप लगाया था कि अलीबाग भूमि सौदे में रजिस्टर्ड वैल्यू के अलावा सेलर्स को कैश भुगतान किया गया था। ईडी ने प्रवीण राउत को मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के री डेवलपमेंट से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले की जांच में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। ईडी ने पहले कहा था कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पात्रा 'चॉल' के री डेवलपमेंट में शामिल था, जिसमें 47 एकड़ में फैले महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) में 672 किरायेदार निवासरत थे। गुरु आशीष हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी है। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में करीब 4,300 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में ईडी और कुछ अन्य एजेंसियां ​​एचडीआईएल की जांच कर रही हैं।

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