सार

लगभग 70,000 करोड़ रुपए का यह घोटाला, पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा की सरकार के दौरान महाराष्ट्र में विभिन्न सिंचाई योजनाओं के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से संबंधित है।

नागपुर: महाराष्ट्र में करोड़ों रुपए के सिंचाई घोटाले के संबंध में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के एसीबी के सात प्रस्ताव राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के प्रमुख सचिव के पास अटके पड़े हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव की मंजूरी की आवश्यकता है।

70,000 करोड़ रुपए का घोटाला

लगभग 70,000 करोड़ रुपए का यह घोटाला, पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा की सरकार के दौरान महाराष्ट्र में विभिन्न सिंचाई योजनाओं के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से संबंधित है। एसीबी नागपुर के पुलिस अधीक्षक, रश्मि नांदेडकर ने कहा, ‘‘ प्राथमिक दर्ज कराने की अनुमति मांगने संबंधित प्रस्ताव पिछले एक साल से जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव के पास लंबित है। इसलिए वीआईडीसी द्वारा बांटे गए सात ठेके अभी तक रजिसटर्ड नहीं किए गए है।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)