सार
नागपुर में एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। जब एक ड्राइवर ऑटो छुड़ाने के लिए चलान भरने आया तो पुलिस अफसर ने अपनी जेब से जुर्माना भरा।
नागपुर (महाराष्ट्र). खाकी वर्दी वाले पुलिस के जवान आए दिन किसी ना किसी विवाद के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। लेकिन नागपुर में एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। जब एक ड्राइवर ऑटो छुड़ाने के लिए चलान भरने आया तो पुलिस अफसर ने अपनी जेब से जुर्माना भरा। फिर उसकी बेबसी की कहानी सुन वह भावुक हो गए। आइए जानते हैं इस ऑटो ड्राइवर की इमोशनल कहानी...
जब अधिकारी के पास बेटे की गुल्लक लेकर पहुंचा ऑटो ड्राइवर
दरअसल, पुलिस की दरियादिली का यह मामला नागपुर के सीताबुलडी थाने क्षेत्र का है। जहां ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार (8 अगस्त) को ऑटो-रिक्शा चालक पर अपना वाहन नो-पार्किंग जोन में पार्क करने के लिए जुर्माना लगाते हुए 2 हजार का चालान काट दिया था। साथ ही ऑटो जब्त कर लिया। चालक के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह तुरंत पैसे देकर ऑटो मुक्त करा पाता। लेकिन वही उसकी रोजी-रोटी कमाने का एक मात्र साधन था। इसलिए वह घर गया और बेटे की गुल्लक लेकर पहुंचा।
ड्राइवर की आपबीती सुन भावुक हो गए पुलिस अफसर
ऑटो चालक खडसे अपनी पत्नी और बेटे के साथ हाथ में प्लास्टिक की थैली लेकर नागपुर यातायात विभाग के कार्यालय पहुंचा। जहां उसने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अजय कुमार मालवीय की टेबल पर रोते हुए गुल्लक रख दी। जब अधिकारी ने उसे उसकी कहानी पूछी तो वह भावुक हो कहरने लगा सर मेरा ऑटो छोड़ दीजिए, अगर आज नहीं छोड़ा तो हमको भूखा रहना पड़ेगा। क्योंकि लॉकडाउन के चलते जो जमा पूंजी थी वह सारी खर्च हो गई है। अब बेटे की गुल्लक लीजिए और ऑटो छोड़ दीजिए।
अधिकारी ने अपनी जेब से जुर्माना भर सौंपा ऑटो
पुलिस अधिकारी ने जब ऑटो चालक की कहानी सुनी तो वह भावुक हो गए। इसके बाद उन्होंने अपनी जेब से दो हजार रुपए देकर चलान भरा और खडसे को उसका ऑटो सौंपा। लंबे समय तक तालाबंदी के कारण खडसे पहले से ही कर्ज में था और कोई बचत नहीं होने के कारण उसे गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा था। इस कड़ी स्थिति के तहत, वह अपने बेटे की गुल्लक लेकर ऑटो छुड़ाने आया था।