सार

Maharashtra Politics : सीएम उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति में मंत्रियों के साथ बैठक करने को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार लोगों के निशाने पर हैं। भाजपा विधायक ने इसका एक वीडियो पोस्ट कर पूछा है- क्या शरद पवार महाराष्ट्र सरकार के नए कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं? पवार किस हैसियत से एमवीए मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं?

मुंबई। महाराष्ट्र के घाटकोपर से भाजपा विधायक राम कदम (BJP Mla Ram kadam) ने एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सकरार के मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं। राम कदम ने इस वीडियो के साथ लिखा है - 
सीएम उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति में शरद पवार अब एमवीए मंत्रियों के साथ राजनीतिक बैठकें कर रहे हैं। क्या शरद पवार महाराष्ट्र सरकार के नए कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं? पवार किस हैसियत से एमवीए मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं?

इसके बाद कई लोगों ने सवाल उठाया है। लोगों का कहना है कि किसी पद पर नहीं होते हुए भी सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करना क्या संविधान से समझौता नहीं है। क्या अब संविधान खतरे में नहीं लग रहा। पत्रकार राजगोपाल ने राम कदम के वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा- इस तस्वीर को देखने के बाद क्या अब आपने सुना कि संविधान खतरे में है। संवैधानिक संपत्ति के साथ समझौता किया जा रहा है, क्योंकि पवार जी के पास विशेषाधिकार है।  



लोगों ने कहा - उद्धव ठाकरे के मालिक बने हैं पवार
इस ट्वीट पर संतोष नाम के एक यूजर ने लिखा - महाराष्ट्र एक अनोखा राज्य है। यहां पुलिस एक ट्वीट पर कार्रवाई करती है। मुख्यमंत्री यहां नवंबर 2021 से लापता हैं। इसके लिए लोग बिहार को कोसते रहे हैं। गुंजन चौबे नामक एक यूजर ने लिखा - भारत के गृह मंत्रालय को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए शरद पवार किसी पद पर नहीं हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लोगों ने पूछा है कि पवार किस हैसियत से एक्टिंग सीएम की तरह काम कर रहे हैँ। क्या वह राज्यपाल द्वारा नामित किए गए हैं। आखिर वे किस पद हैं, जो मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि आपको जानकारी होनी चाहिए कि कैबिनेट मीटिंग और व्यक्तिगत बैठक में अंतर होता है। राजनीतिक मीटिंग कोई भी कर सकता है। धर्मेंद्र सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा - जैसे सोनिया गांधी मनमोहन सिंह की मालकिन थीं, उसी तरह शरद पवार उद्धव ठाकरे के मालिक बने हुए हैं। 

पवार क्यों नहीं कर सकते बैठक 
संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं। विधानसभा चुनावों में जिस पार्टी को बहुमत होता है उसके विधायक दल के नेता को मुख्यमंत्री नयुक्त किया जाता है। इसके लिए नियुक्ति से 6 महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता जरूरी होती है। लेकिन शरद पवार न तो विधायक दल के नेता हैं और न ही विधायक। ऐसे में वह मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं। 

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