सार

नारायण राणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था। इसके बाद मंगलवार को उनको गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, देर रात महाड न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नारायण राणे को जमानत दे दी थी। 

मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर तरह तरह के आरोप राज्य सरकार पर लग रहे हैं। एक ट्वीटर हैंडल पर वीडियो क्लिप शेयर कर दावा किया गया है कि पुलिस के एक बड़े अधिकारी कैसे इस साजिश के बारे में बता रहे हैं लेकिन अचानक कैमरा याद आते ही अलर्ट मोड में आ जा रहे। 

 

ट्वीटर पर महाविनाश अघाडी नाम के एक पैरोडी हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है। वीडियो में कथित तौर पर नासिक पुलिस कमिश्नर के प्रेस कांफ्रेंस की क्लिप है। क्लिप में पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय नारायण राणे की गिरफ्तारी पर बात कर रहे। वह कह रहे कि यह पुलिस थाने के स्तर की कार्रवाई है, आप मुझसे सवाल क्यों कर रहे हैं। आप जानते ही हैं कि यह एक राष्ट्रीय स्तर का खेल है। इसके बाद वह कैमरा से अलर्ट हो जाते हैं। 

महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को दिया आश्वासन

महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) को यह आश्वासन दिया है कि वह केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ नासिक साइबर पुलिस द्वारा किए गए एफआईआर के मामले में अभी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी। हाईकोर्ट 17 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा। बांबे हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि कोर्ट का आदेश मेरे फेवर में आया है। यह साफ संकेत है कि देश कानून से चल रहा है। 

एक दिन पहले हुए थे गिरफ्तार

नारायण राणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था। इसके बाद मंगलवार को उनको गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, देर रात महाड न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नारायण राणे को जमानत दे दी थी। हालांकि, जमानत देने के पहले उनको न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्णय दे दिया था। 

राणे ने सीएम के बारे में क्या कहा था

सोमवार को रायगढ़ में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे (Narayan Rane) ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था- यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि यह स्वतंत्रता दिवस की कौन सी वर्षगांठ है। उन्होंने 15 अगस्त को स्पीच के दौरान पीछे खड़े लोगों से पूछा कि आजादी को कितने साल हो गए। अगर मैं वहां होता तो उनको जोरदार थप्पड़ मार देता। इस बयान के बाद शिवसेना ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। जगह-जगह हंगामा भी हुआ था।

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