लोकसभा से विपक्ष के 49 सांसदों को मंगलवार को निलंबित किया गया। कुल 141 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। यह पहली बार हुआ है जब एक सत्र में इतने अधिक सांसदों को निलंबित किया गया। 

नई दिल्ली। सदन में तख्ती लेकर हंगामा और नारेबाजी करने के चलते मंगलवार को दूसरे दिन भी लोकसभा में विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 49 सांसदों को इस सत्र (शीतकालीन सत्र) से निलंबित कर दिया गया। इस तरह कुल 141 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। सोमवार को 78 सांसदों को संसद से सस्पेंड किया गया था। पहली बार एक सत्र में इतने अधिक सांसदों को निलंबित किया गया है।

कार्रवाई किए जाने से पहले लोकसभा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "सदन के अंदर तख्तियां नहीं लाने का फैसला सबकी सहमति से लिया गया था। हाल के चुनाव हारने के बाद हताशा के कारण विपक्ष के लोग हंगामा कर रहे हैं। यही कारण है कि हम एक प्रस्ताव (सांसदों को निलंबित करने का) ला रहे हैं। ये लोग इसी तरह हंगामा करते रहे तो आने वाले समय में इनकी संख्या और कम हो जाएगी।"

प्रह्लाद जोशी के बोलने के बाद लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित अन्य विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव के पास होते ही विपक्ष के 49 सांसद शेष शीतकालीन सत्र से निलंबित हो गए।

कल्याण बनर्जी ने की जगदीप धनखड़ की मिमिक्री
दूसरी ओर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाया। उन्होंने विपक्षी सांसदों के सामने जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की, जिसे देखकर कई सांसद ठहाके लगाकर हंसते दिखे। इस घटना को लेकर जगदीप धनखड़ ने नाराजगी व्यक्त की है।

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शशि थरूर बोले- यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात

निलंबित किए जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं। वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे। इस बिंदु पर दुर्भाग्य से हमें आज भारत में संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलियां लिखना शुरू करना पड़ा। अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ। वे सभी विपक्षी सांसदों को निलंबित कर बिना चर्चा के विधेयक पास करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।”