सार

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के मिलन वैष्णव के अनुसार पीएम मोदी की लोकप्रियता के चलते भाजपा को महत्वपूर्ण बढ़त हासिल है। उन्होंने इसके पाच खास कारण भी बताए हैं।

 

नई दिल्ली। पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अब सबकी नजर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। विधानसभा चुनावों में भाजपा और विपक्षी दलों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी को साफ बढ़त दिखती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा 2024 के चुनावों में जाएगी। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के मिलन वैष्णव के अनुसार पीएम मोदी की लोकप्रियता के चलते भाजपा को महत्वपूर्ण बढ़त हासिल है। इसके साथ ही भाजपा के पास मजबूत राजनीतिक संगठन और एडवांस मार्केटिंग स्ट्रेटजी भी है।

मिलन वैष्णव के अनुसार विधानसभा चुनावों के रिजल्ट से विपक्ष को झटका लगा है। इससे विपक्ष को फिर से संगठित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कई विपक्षी दल अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके चलते इन पार्टयों ने एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी पर युद्धविराम की घोषणा की है। यहां तक कि वंशवाद और भाई-भतीजावाद के लिए अक्सर आलोचना की जाने वाली कांग्रेस पार्टी ने भी गांधी उपनाम के बिना एक नेता (राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे) पेश किया है।

ऐसे में महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या विपक्षी दलों का समूह एक दूरदर्शी और लचीली राजनीतिक नैरेटिव बना सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। विपक्ष को अगर भाजपा को हराना है तो उसे इस चुनौती से पार पाना होगा।

भाजपा की सबसे बड़ी ताकत नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता है। हाल के विधानसभा चुनावों में इसका असर दिखा है। विपक्ष के पास उनके मुकाबले का कोई नेता नहीं है। हाल के चुनावों में यह बात साफ दिखा है।

ग्लोबल लीडर अप्रूवल ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म मॉर्निंग कंसल्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। यह लोकप्रियता अगस्त 2019 से लगातार बनी हुई है। घरेलू सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को लोकसभा में बहुमत सीटें हासिल होने की संभावना है, भले ही यह 2019 की तुलना में कुछ कम हो।

इन 5 कारण से भारी है नरेंद्र मोदी का पलड़ा

राज्य और राष्ट्रीय चुनाव

हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तीन में भाजपा को जीत मिली है। भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराकर सरकार बना रही है तो मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता बचा ली है। ऐतिहासिक रूप से विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में वोटिंग का ट्रेंड अलग रहा है। जो पार्टी विधानसभा के चुनाव जीते, जरूरी नहीं कि उसे लोकसभा चुनाव में भी जीत मिल जाए। उदाहरण के लिए, 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत बाद के लोकसभा चुनावों में सफलता में तब्दील नहीं हुई। हालांकि हाल के वर्षों में यह ट्रेंड कमजोर हुआ है। मोदी की स्थायी लोकप्रियता के साथ ऐसी अटकलें हैं कि 2024 के चुनाव में उन्हें विधानसभा चुनावों की तरह ही सफलता मिलेगी।

विपक्ष में टूट

लोकसभा चुनाव में विपक्ष का सामना नरेंद्र मोदी और भाजपा से होगा। भाजपा बेहद संगठित पार्टी है। सहयोगी दलों के साथ उसके रिश्ते अच्छे हैं। इसके पास नरेंद्र मोदी के रूप में लोकप्रिय चेहरा है। दूसरी ओर विपक्ष में एकता नहीं है। विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे से संघर्ष कर रहीं हैं। भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्ष की दो दर्जन से अधिक पार्टियों ने मिलकर INDIA गठबंधन बनाया, लेकिन हाल के विधानसभा चुनावों में दिख गया कि इस गठबंधन में कितनी एकता है। INDIA गठबंधन से पीएम का उम्मीदवार कौन होगा और सीट बंटवारा किस तरह किया जाएगा ये बेहद जटिल प्रश्न हैं।

पिछड़ा वर्ग की निष्ठा की लड़ाई

बिहार में जातीय जनगणना कराई गई। इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने ओबीसी का मुद्दा उठाया। देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की। कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में आनुपातिक आरक्षण जैसे मुद्दों को उठाकर ओबीसी वोट अपने पक्ष में करने की कोशिश की। विधानसभा चुनावों में दिख गया कि ओबीसी मुद्दा उठाकर भी कांग्रेस को जीत नहीं मिली। पिछड़ा वर्ग ने बीजेपी पर भरोसा किया। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने यादव समाज से आने वाले मोहन यादव को सीएम बनाया है। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ओबीसी मतदाताओं को आकर्षित करने में सफल रहेगी।

मोदी की गारंटी

विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा आम लोगों के कल्याण के लिए चलाए जाने वाली योजनाओं का प्रचार किया। उन्होंने चुनाव में भाजपा द्वारा किए गए वादों को मोदी की गारंटी बताया। पीएम ने पहले पूरे किए गए वादों को जिक्र कर जनता को बताया कि मोदी की गारंटी, हर गारंटी पूरा होने की गारंटी है। विपक्ष की ओर से भी चुनाव में जनता से कई लोकलुभावन वादे गिए गए, लेकिन लोगों ने उनपर यकीन नहीं किया। 2019 के चुनाव में साफ दिखा था कि केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं के माध्यम से लाभार्थी को पैसे और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अनाज दिए जाने का फायदा हुआ। पीएम ने हाल के चुनावों में बताया कि कैसे उनकी सरकार सीधे लाभार्थी के खाते में पैसे डाल रही है। इन चुनावों में पार्टियों के बीच कल्याणकारी वादे करने में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ थीं।

विदेश नीति को बनाया जनता का मुद्दा

मिलन वैष्णव के अनुसार मोदी सरकार ने विदेश नीति को जनता का मुद्दा बनाया है। पहले विदेश नीति को खास लोगों का विषय माना जाता था। 2019 के पुलवामा हमले और उसके बाद पाकिस्तान में हवाई हमले जैसी घटनाओं के बाद विदेश नीति आम लोगों के चर्चा का विषय बनी। ऐसी धारणा है कि मोदी ने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। जी20 की अध्यक्षता जैसे वैश्विक मंच पर इसे प्रदर्शित करने के सरकार के प्रयासों को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।

मिलन वैष्णव ने कहा कि जैसे-जैसे 2024 की दौड़ ने गति पकड़ी है भाजपा ने स्पष्ट रूप से एक महत्वपूर्ण लाभ हासिल कर लिया। राज्य चुनावों में निराशाजनक नतीजों के बाद विपक्ष खुद को फिर से संगठित होने के लिए मजबूर महसूस कर रहा है। विपक्षी नेताओं ने सामूहिक रूप से अस्तित्व संबंधी खतरे को संबोधित करने के लिए अस्थायी संघर्ष विराम को गले लगा लिया है। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या विपक्षी गुट एक दूरदर्शी और अनुकूलनीय राजनीतिक नैरेटिव का निर्माण कर सकते हैं। विपक्ष के सामने एक बड़ी चुनौती है और समय की कमी उसकी मुश्किलें बढ़ा रही है।