NSG मुंबई में 26/11 हमले की 17वीं बरसी पर “नेवरएवर” थीम सेरेमनी करेगी। गेटवे ऑफ इंडिया पर शहीदों की तस्वीरें, संकल्प बूथ और तिरंगे से रोशनी होगी। कार्यक्रम का उद्देश्य शांति, सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा का संकल्प दोहराना है।

26/11 Mumbai Attack Recall: नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की मुंबई यूनिट गेटवे ऑफ इंडिया पर “नेवरएवर” थीम पर एक मेमोरियल सेरेमनी आयोजित करेगी। इस इवेंट का मकसद 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बलिदानियों और बचे हुए लोगों समेत सभी पीड़ितों को सम्मान देना है। साथ ही इस बात का भरोसा दिलाना है कि ऐसी घटना भविष्य में दोबारा कभी नहीं होनी चाहिए। बता दें कि NSG ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए टेररिस्ट अटैक में आतंकवादियों को खत्म करने में अहम रोल निभाया था।

मेमोरियल जोन में बलिदानियों की तस्वीरें

26 नवंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए एक खास मेमोरियल जोन बनाया गया है, जिसमें 26/11 के सभी हीरो और वीरगति को प्राप्त हुए बलिदानियों की तस्वीरें और नाम दिखाए जाएंगे। साथ ही फूलों की माला और मोमबत्तियां भी रखी जाएंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रद्धांजलि वाली मोमबत्तियों के मोम से एक 'लिविंग मेमोरियल' भी बनाया जाएगा, जिसे भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों के लिए संभालकर रखा जाएगा। इसके अलावा मुंबई के 11 कॉलेज और 26 स्कूल “नेवरएवर” थीम के तहत स्टूडेंट्स से शपथ दिलवाएंगे, जिससे शांति, सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति युवाओं का कमिटमेंट और मजबूत होगा।

गेटवे ऑफ इंडिया पर संकल्प बूथ

कार्यक्रम के दौरान संकल्प बूथ और मैसेज लिखने के लिए अलग से एक जगह बनाई गई है, जहां लोग वीर बलिदानियों और बचे हुए लोगों के लिए प्रतिज्ञा और संदेश लिख सकेंगे। इसके अलावा 26/11 हमले में बचे हुए लोगों और बलिदानियों के परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। रात होते ही, गेटवे ऑफ इंडिया तिरंगे और “नेवरएवर” शब्द से रोशन हो जाएगा, जो मुंबई और देश की हिम्मत और इरादे का प्रतीक है।

क्या है 26/11 अटैक?

26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 हथियारबंद आतंकी समंदर के रास्ते मुंबई में घुसे थे। इन आतंकियों ने मुंबई की अलग-अलग जगहों, जिनमें छत्रपति शिवाजी महराज टर्मिनस स्टेशन, नरीमन प्वाइंट, लियोपोल्ड कैफे, मैडम कामा हॉस्पिटल और होटल ताज पर हमला किया। इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी। मृतकों में स्थानीय लोगों के अलावा टूरिस्ट, विदेशी नागरिक, पुलिस वाले और एक NSG कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन भी शामिल थे। 4 दिन तक चले इस अटैक का अंत NSG के ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो से हुआ, जिसमें कमांडोज ने कोलाबा के होटल ताज में बचे हुए आखिरी आतंकी को खत्म किया था।

जिंदा पकड़ा गया था एक आतंकी कसाब

26/11 हमलों में 9 आतंकी मारे गए थे, जबकि 17 साल का आमिर अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था। बाद में 21 नवंबर, 2012 को उसे फांसी दे दी गई थी। 3 मई 2010 को कसाब को 80 अपराधों में दोषी पाया गया, जिसमें हत्या, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना, विस्फोटक रखना और अन्य आरोप शामिल थे। 6 मई 2010 को उसे चार मामलों में मौत की सजा और पांच मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। कसाब की मौत की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा।