सार

पीएम नरेंद्र मोदी ने 32वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट्स का उद्घाटन किया। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में आए लोगों से कहा कि 12 करोड़ किसानों की ओर से आपका स्वागत करता हूं।

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित 32वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट्स (32nd International Conference of Agricultural Economists) का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि हमने 10 साल में किसानों को फसलों की करीब 1900 नई क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्में दी हैं।

कॉन्फ्रेंस में विश्व भर से कृषि विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल हुए। इसमें खेती से जुड़े अर्थशास्त्र और सतत विकास को लेकर बातें होंगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इसका उद्देश्य वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने, खेती के तरीके में सुधार लाने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के नए तरीके तलाश करना है।

 

 

नरेंद्र मोदी बोले-12 करोड़ किसानों की ओर से आपका स्वागत है

कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, "आप सब यहां विश्व के अनेक देशों से आए हैं। मैं यहां आपका भारत के 12 करोड़ किसानों की ओर से स्वागत करता हूं। भारत में 3 करोड़ से अधिक महिला किसान हैं। तीन करोड़ लोग मछुआरे हैं। आज आप उस देश में हैं जहां 550 मिलियन पशु रहते हैं। इस कृषि-प्रधान और पशु-प्रेमी देश में आप सभी का स्वागत है।"

नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत विश्व बंधु के तौर पर मानवता के कल्याण को सर्वोपरि रखता है। जी20 के दौरान भारत ने वन अर्थ वन फैमिली और वन फ्यूचर का प्लान सामने रखा था। पर्यावरण को बचाने के लिए मिशन लाइफ का मंत्र दिया। भारत ने वन अर्थ वन हेल्थ पहल शुरू किया है। हम मानव, पशु और पौधे की सेहत को अलग-अलग नहीं देखते।"

10 सालों में किसानों को दिए 1900 नई क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्में

पीएम ने कहा, "कृषि हमारी आर्थिक नीति के केंद्र में है। हमारे यहां करीब 90 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिनके पास बहुत कम जमीन है। छोटे किसान भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं। यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है। इसलिए भारत का मॉडल कई देशों के काम आ सकता है।"

यह भी पढ़ें- 8 नेशनल हाईस्पीड रोड कॉरिडोर मंजूर, 936 किमी होगी लंबाई, खर्च होंगे 50655 करोड़

उन्होंने कहा, "भारत में हम बड़े पैमाने पर रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके काफी अच्छे रिजल्ट देखने को मिले हैं। इस साल के बजट में भी बहुत बड़ा फोकस टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल खेती पर है। हम अपने किसानों को सपोर्ट करने के लिए एक पूरा इकोसिस्टम विकसित कर रहे हैं। भारत का बहुत जोड़ पर्यावरण में हो रहे बदलाव को सहने वाले फसलों के विकास पर है। बीते 10 सालों में हमने फसलों की करीब 1900 नई क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्में किसानों को दी हैं।"

यह भी पढ़ें- DMK मंत्री शिवशंकर का विवादित बयान, भगवान राम के होने का कोई प्रमाण है क्या…