सार
नेशनल डेस्क। तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दे डाला है जिसके बाद से राजनीति गरमा गई है। मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में कहा कि भगवान राम थे या नहीं या उनके अस्तित्व को साबित करने के लिए अभी तक हमारे पास कोई भी पुरातात्विक सबूत या ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं है। बिना किसी साक्ष्य के यह दावा भी किया जाता है कि भगवान राम ने आज से 3 हजार पहले अवतार लिया था। डीएमके मंत्री के विवादित बयान के बाद भाजपा के नेताओं ने उनपर प्रहार करना शुरू कर दिया है।
राजेंद्र चोल की जन्म शताब्दी समारोह में बोले शिवशंकर
राजेंद्र चोल की जन्म शताब्दी के अवसर पर गंगईकोंडाचोलपुरम के श्री बृहदेश्वर मंदिर में हुए कार्यक्रम के दौरान मंत्री शिवशंकर ने कहा, हम चोल वंश के सम्राट राजेंद्र चोल का जन्मदिन मनाते हैं। हमारे पास इसके शिलालेख, उनकी ओर से बनाए गए मंदिर, शिलालेख, तांबे की प्लेटें, झील जैसे तमाम पुरातात्विक साक्ष्य मौजूद हैं, लेकिन भगवान राम के इतिहास और अस्तित्व का पता लगाने के लिए एक भी सबूत नहीं है।”
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शिवशंकर बोले- राम अवतार थे तो जन्म नहीं हो सकता
डीएमके मंत्री ने कहा, सभी लोग कहते हैं कि भगवान राम अवतार थे। अगर सच में राम अवतार होते तो उनका जन्म नहीं हो सकता था। और यदि उनका जन्म हुआ तो वह भगवान नहीं हो सकते। ऐसे दावे करना लोगों को गुमराह करने के समान है। यह सिर्फ अपने इतिहास को श्रेष्ठ बताने और तमिल के इतिहास को दबाने का प्रयास है। पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि इनके गलत इरादों को समझते थे।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने डीएमके नेता को घेरा
तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने शिवशंकर के बयान पर पलटवार कहा है, DMK में भगवान राम को लेकर अचानक से जुनून देखने और सोचने की बात है। इन लोगों को भूलने की बुरी आदत है। इन लोगों ने ही पहले चोल राजवंश का सेंगोल स्थापित करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का विरोध किया था। शिवशंकर को भगवान राम के बारे में जानकारियां हासिल करने की जरूरत है।