सार
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) में अब धीरे-धीरे हालात में सुधार हो रहा है लेकिन सेना और असम रायफल्स के जवानों की तैनाती में कमी नहीं की गई है। इंफाल घाटी में शांति हो रही है।
Manipur Violence. मणिपुर की हिंसा में अभी तक कुल 54 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सुरक्षा बल लगातार हिंसाग्रस्त इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं, ताकि शांति बनी रहे। इंफाल घाटी में भी धीरे-धीरे शांति हो रही है ज्यादातर दुकानें खुलने लगी हैं। कुल मिलाकर शनिवार को जीवन सामान्य रहा और लोग भी घरों से बाहर निकलने लगे हैं। लेकिन पूरे राज्य में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इंटरनेट सेवा पर अभी भी रोक जारी है, ताकि अप्रिय घटनाओं के मैसेजेस से माहौल को खराब करने की कोशिशें रोकी जा सकें।
सेना के साथ रैपिड एक्शन फोर्स ने भी संभाला मोर्चा
मणिपुर में हुई हिंसा के बाद हालात को देखते हुए सेना के साथ असम रायफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती जारी है। स्थानीय प्रशासन भी सख्ती से कदम उठा रहा है। केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती से अब माहौल थोड़ा शांत होने लगा है कि किसी तरह की छूट नहीं दी जा रही है। इंफाल शहर की बात करें तो शनिवार को ज्यादातर दुकानें खुली रहीं। लोग बाहर निकलकर जरूरत का सामान खरीद रहे हैं। सब्जियों और फलों की दुकानें भी खुलने लगी हैं।
मणिपुर की हिंसा में कुल 54 लोगों की हुई मौत
मणिपुर हिंसा में कुल 54 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इसमें से 16 लोगों की लाशें चुराचांदपुर के मोर्चरी में रखी गई हैं जबकि 15 शव पूर्वी इंफाल जिले के हॉस्पिटल में रखे गए हैं। तोरबंग में हुई हिंसा और सुरक्षाबलों की जवाबी फायरिंग में करीब 100 लोगों के घायल होने की भी सूचना है। इस दौरान उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुए मुठभेड़ में 1 उग्रवादी मारा गया है जबकि दो जवान भी घायल हुए हैं।
10 हजार से ज्यादा सैनिकों की हुई है तैनाती
राज्य के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए सेना और असम रायफल्स के करीब 10 हजार सैनिकों की तैनाती की गई है। वहीं राज्य के करीब 13 हजार नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मामले की समीक्षा की है।
आखिर क्यों भड़की मणिपुर की हिंसा
मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर द्वारा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का विरोध किया जा रहा है। इसी को लेकर स्टूडेंट्स यूनियन ने मार्च का आयोजन किया था और इसी दौरान हिंसा भड़क उठी। राज्य में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 फीसदी है। मैतेई समुदाय के ज्यादातर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं आदिवासी समुदाय के नागा और कुकी की आबादी 40 फीसदी है, जो कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं करने की मांग कर रहे हैं।
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