सार
कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में उड़ानें बंद हैं। इसके चलते भारत के नागरिक अन्य देशों में फंसे हैं। अब केंद्र सरकार ने उन्हें लाने की तैयारी तेज कर दी है। अन्य देशों में फंसे करीब 14,800 लोगों को वापस लाने के लिए अगले एक हफ्ते में 64 उड़ानें संचालित की जाएंगी।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में उड़ानें बंद हैं। इसके चलते भारत के नागरिक अन्य देशों में फंसे हैं। अब केंद्र सरकार ने उन्हें लाने की तैयारी तेज कर दी है। अन्य देशों में फंसे करीब 14,800 लोगों को वापस लाने के लिए अगले एक हफ्ते में 64 उड़ानें संचालित की जाएंगी। इन फ्लाइट्स से अमेरिका, कुवैत, फिलीपींस, बांग्लादेश, ब्रिटेन, सऊदी अरब, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारतीयों को वापस लाया जाएगा। इन लोगों को लाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन भी किया जाएगा। इसके तहत हर फ्लाइट में 200-300 लोगों को ही लाया जाएगा। हालांकि, सरकार नागरिकों को लाने समेत सभी खर्च उन्हीं से वसूलेगी।
नागरिकों को वापस लाने का ऐसा है प्लान
1- पहले दिन 10 उड़ानें चलाईं जाएंगी, इनसे विदेश में फंसे करीब 2300 लोगों को वापस लाया जाएगा। ये उड़ानें अमेरिका, फिलीपींस, सिंगापुर, बांग्लादेश, यूएई, ब्रिटेन, सऊदी अरब, कतर, ओमन, बहरीन और कुवैत जाएंगी।
2- दूसरे दिन 9 देशों से करीब 2050 भारतीय भारत लाए जाएंगे। ये फ्लाइटें चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और दिल्ली पहुंचेंगी। इसके अगले यानी तीसरे दिन यूएस, मिडिल ईस्ट, यूरोप, साउथ ईस्ट एशिया के 13 देशों से नागरिकों को वापस लाएंगी। ये उड़ानें मुंबई, कोच्चि, लखनऊ और दिल्ली आएंगी।
3- चौथे दिन सरकार अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई समेत 8 देशों में उड़ानें भेजकर फंसे करीब 1,850 भारतीयों को वापस लाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जाएगा ध्यान
विदेशों से भारतीय नागरिक लाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा। हर फ्लाइट में सिर्फ 200-300 यात्रियों को लाया जाएगा। इसके अलावा यात्रियों की फ्लाइट से बैठने से पहले जांच भी की जाएगी। सिर्फ उन्हीं लोगों को लाया जाएगा, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं।