सार

भारत में कोरोना वायरस के 3.3 लाख मामले आ चुके हैं। हालांकि, अभी इसका चरम आना बाकी है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि नवंबर में भारत में कोरोना महामारी चरम पर होगी। इस दौरान देश में ICU-वेंटिलेटर की भी कमी हो सकती है।

नई दिल्ली.  भारत में कोरोना वायरस के 3.3 लाख मामले आ चुके हैं। हालांकि, अभी इसका चरम आना बाकी है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि नवंबर में भारत में कोरोना महामारी चरम पर होगी। इस दौरान देश में ICU-वेंटिलेटर की भी कमी हो सकती है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के चलते भारत में 8 हफ्ते बाद महामारी चरम पर होगी। 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ऑपरेशंस रिसर्च ग्रुप ने स्टडी की है कि लॉकडाउन ने कोरोना को चरम तक पहुंचने को 34 से 76 दिन तक बढ़ा दिया है। 

नवंबर के पहले हफ्ते में चरम पर पहुंचेगी महामारी
रिसर्च के मुताबिक, लॉकडाउन के चलते संक्रमण में 69 से 97% की कमी आई है। लॉकडाउन के चलते अब महामारी नवंबर के पहले हफ्ते तक अपने चरम पर पहुंच सकती है। इसके बाद 5.4 महीनों के लिए आइसोलेशन बेड, 4.6 महीनों के लिए आईसीयू बेड और 3.9 महीनों के लिए वेंटिलेटर कम पड़ सकते हैं।

क्या लॉकडाउन से मिला फायदा?
रिसर्च में यह भी कहा गया है कि देश में अगर लॉकडाउन ना लगाया गया होता या स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार ना किया गया होता तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी। इसके साथ ही रिसर्चर्स ने यह भी कहा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदम, क्षेत्रों में संक्रमण की दर अलग अलग होने के चलते महामारी के प्रभावों को कम किया जा सकता है। 

60% मौतें टाली गईं
इसके अलावा रिसर्च में कहा गया है कि भारत में कोरोना की जांच, इलाज और आइसोलेशन की व्यवस्था कर चरम पर मामलों की संख्या को 70% कम किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से मौत के मामलों को 60% कम किया गया है। इसका श्रेय स्वास्थ्य सुविधाओं और कर्मियों को देना चाहिए।