सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर आईए जानते हैं उन 9 पहलों को जो आम आदमी के जीवन में कुछ बदलाव लाने में सहायक साबित हुआ...
9 years of PM Narendra Modi government: नरेंद्र मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुकी है। नौ साल पूरा करने के बाद सरकार दसवें साल यानी चुनावी वर्ष में पहुंच चुकी है। 2024 में लोकसभा आम चुनाव प्रस्तावित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर आईए जानते हैं उन 9 पहलों को जो आम आदमी के जीवन में कुछ बदलाव लाने में सहायक साबित हुआ...
मन की बात: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रधानमंत्रियों ने रेडियो के माध्यम से जनता से कनेक्टिविटी बनाए रखा लेकिन टेलीविजन व अन्य माध्यमों के आने के बाद रेडियो की प्रासंगिकता कम हुई और यह केवल औपचारिकता भर रह गई। इसके बाद देश के प्रधानमंत्री केवल स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर ही ऑल इंडिया रेडियो पर आते। हालांकि, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम का शुरू कर रेडियो से संवाद का अनोखा सिलसिला शुरू किया। 20 मिनट के इस मंथली कार्यक्रम का रविवार को रेडियो व दूरदर्शन पर प्रसारण किया जाता है। अक्टूबर 2014 में पहले एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता पर बात की थी। वह विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर इसमें बात करते हैं।
परीक्षा पर चर्चा: बच्चों में परीक्षा का डर कई बार खौफनाक अंजाम तक पहुंचा देता है। अवसाद व अन्य खौफनाक स्थितियों से परीक्षार्थियों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने परीक्षा सीजन के पहले हर साल परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के स्टूडेंट्स से बात करते हैं। उनको परीक्षा फोबिया से बाहर निकालने की कोशिश के साथ ही तैयारियों, फेल्योर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के साथ हौसला आफजाई करते हैं। बच्चों को दबाव से निकालने के लिए यह कार्यक्रम काफी लोकप्रिय रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान: गांधी जयंती पर 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाडू लेकर सड़कों की सफाई कर पूरे देश को स्वच्छता से जुड़ने का आह्वान किया था। अभियान के तहत देशभर में शौचालयों का निर्माण शुरू हुआ। भारत सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार देश के 25 राज्य खुले में शौच से मुक्त राज्य बन चुके हैं, यानी यहां हर परिवार में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है।
मेक इन इंडिया: देश का विदेशी सामानों पर से निर्भरता कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया का आह्वान किया था। इसके तहत स्टार्टअप्स, इनोवेशन व उद्योग लगाने को प्रोत्साहित किया गया। विदेशों से आयात कम करने के लिए यहीं मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना को प्रोत्साहित किया गया। स्टार्टअप्स व छोटे-छोटे उद्योग धंधों व नए-नए इनोवेशन को आगे बढ़ाने का काम किया गया।
जनधन योजना: देश की कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने और सरकारी सहायता के तहत मिलने वाले अनुदान को सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजने के लिए मोदी सरकार ने जनधन योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत उन लोगों के खाते शून्य बैलेंस पर खोले गए जिनके पास कोई खाता नहीं था। देश के लोगों को जीरो-बैलेंस अकाउंट फैसिलिटी, मोदी सरकार का एक क्रांतिकारी कदम बताया गया। सरकार द्वारा पेश आंकड़ों के मुताबिक देशभर में इस योजना के तहत 132 मिलियन अकाउंट खोले गए।
उज्जवला योजना: भारतीय महिलाओं को धुएं से निजात दिलाने के लिए देश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की गई। इसके अंतर्गत पांच करोड़ से अधिक बीपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन वितरित किया गया। परिवार की महिलाओं के नाम पर कनेक्शन बांटे गए। इसके लिए सब्सिडी सीधे उनके खातों में भेजे गए। यही नहीं रसोई गैस की सब्सिडी को सशक्त परिवारों से छोड़ने की अपील कर हजारों करोड़ रुपये की सरकारी रकम बचाई गई।
आयुष्मान भारत: देश में आयुष्मान भारत योजना के तहत एक हेल्थ कार्ड बनाए गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत बने इस कार्ड से उन पचास करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त हेल्थ फैसिलिटी उपलब्ध कराई गई जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। इस कार्ड की मदद से कोई भी कार्डधारक पांच लाख रुपये का अपना हेल्थ इंश्योरेंस कवर प्राप्त कर सकता।
जनऔषधि दूकानें: देशभर में दवाइयों की कीमतों को कम करने के उद्देश्य से जन औषधि दूकानों की स्थापना की गई। जिलों, शहरों में खोली गई इन जन औषधि केंद्रों पर सस्ती कीमत पर पर जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराई गई।
योगा: भारत की प्राचीनता परंपरा योग को पुन: लोगों के जीवन में, दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया। फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए दुनिया भर में योग को प्रोत्साहन मिला। 21 जून को विश्व योग दिवस को धूमधाम से भारत सहित विभिन्न देशों में मनाया जाना शुरू हुआ ताकि लोग जागरूक हों। प्रधानमंत्री स्वयं इन कार्यक्रमों को लीड करने के साथ मंत्रियों व पार्टी के नेताओं को ऐसा करने केलिए प्रेरित किया। स्वस्थ जीवन जीने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मोदी ने फिटनेस चैलेंज में भी भाग लिया।