सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंथली लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश से रूबरू हुए। 'मन की बात' हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होता है। इसका पहला एपिसोड वर्ष 2014 में प्रसारित हुआ था। मन की बात का यह 94 वां एपिसोड था। 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय प्रोग्राम मन की बात-Mann Ki Baat का आज(30 अक्टूबर) को प्रसारण हुआ। 'मन की बात' हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होता है। इसका पहला एपिसोड वर्ष 2014 में प्रसारित हुआ था। मन की बात का यह 94 वां एपिसोड था। कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी नेटवर्क, आकाशवाणी समाचार की वेबसाइट और न्यूज ऑन एआईआर मोबाइल एप पर किया गया। आकाशवाणी समाचार, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हुआ। आकाशवाणी से हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद क्षेत्रीय भाषाओं में भी मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण होता है।

मन की बात मे बोले मोदी
आज देश के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व छठ मनाया जा रहा है। छठ पर्व का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अपने गांव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुंचे हैं। मेरी प्रार्थना है कि छठ मैया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें। सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिये हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। साथ ही ये सन्देश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है। छठ का पर्व 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का भी उदाहरण है। आज बिहार और पूर्वांचल के लोग देश के जिस भी कोने में हैं, वहां धूमधाम से छठ का आयोजन हो रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों और गुजरात के कई हिस्सों में छठ का बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है। गुजरात में छठ पूजा के रंग नजर आने लगे हैं। ये देखकर मुझे भी बहुत खुशी होती है। आजकल हम देखते हैं, विदेशों से भी छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें आती हैं। सूर्य देव का ये वरदान है - 'सौर ऊर्जा' Solar Energy आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं।

पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा भारत
मोदी ने कहा-भारत आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है। आपने कुछ दिन पहले, देश के पहले सूर्य ग्राम- गुजरात के मोढेरा की खूब चर्चा सुनी होगी। मोढेरा सूर्य ग्राम के ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं। अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का cheque आ रहा है। हमारा देश, Solar Sector के साथ ही space sector में भी कमाल कर रहा है। पूरी दुनिया, आज भारत की उपलब्धियां देखकर हैरान है।

भारत ने  36 Satellites को अंतरिक्ष में स्थापित किया
मोदी ने कहा-भारत ने एक साथ 36 Satellites को अंतरिक्ष में स्थापित किया है। दीपावली से ठीक एक दिन पहले मिली ये सफलता एक प्रकार से ये हमारे युवाओं की तरफ से देश को एक स्पेशल दिवाली गिफ्ट है। मुझे वो पुराना समय भी याद आ रहा है, जब भारत को Cryogenic Rocket Technology देने से मना कर दिया गया था। लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने ना सिर्फ स्वदेशी technology विकसित की बल्कि आज इसकी मदद से एक साथ दर्जनों satellites अंतरिक्ष में भेज रहा है। इस launching के साथ भारत Global commercial market में एक मजबूत player बनकर उभरा है, इससे, अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए अवसरों के नए द्वार भी खुले हैं। भारत में पहले space sector, सरकारी व्यवस्थाओं के दायरे में ही सिमटा हुआ था। जब ये space sector भारत के युवाओं के लिए, भारत के private sector के लिए, खोल दिया गया तब से इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन आने लगे हैं।

भारत में स्टार्टअप पर बोल मोदी
भारतीय Industry और Start-ups इस क्षेत्र में नए-नए Innovations और नई-नई Technologies लाने में जुटे हैं। विशेषकर, IN-SPACe के सहयोग से इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। IN-SPACe के जरिए गैर–सरकारी कंपनियों को भी अपने Payloads और Satellite launch करने की सुविधा मिल रही है। मैं अधिक से अधिक Start-ups और Innovator से आग्रह करूंगा कि वे space sector में भारत में बन रहे इन बड़े अवसरों का पूरा लाभ उठाएं। 

स्टूडेंट पॉवर पर मोदी ने कहा
कई बार हम देखते हैं कि जब Student Power की बात होती है, तो इसको छात्रसंघ चुनावों से जोड़कर उसका दायरा सीमित कर दिया जाता है। लेकिन Student power का दायरा बहुत बड़ा है, बहुत विशाल है  Student power भारत को  Powerful बनाने का आधार है। आज जो युवा हैं, वही तो भारत को 2047 तक लेकर जाएंगे। जब भारत शताब्दी मनायेगा, युवाओं की ये शक्ति, उनकी मेहनत, उनका पसीना, उनकी प्रतिभा, भारत को उस ऊंचाई पर लेकर जाएगी, जिसका संकल्प देश आज ले रहा है। हमारे आज के युवा, जिस तरह देश के लिए काम कर रहे हैं, Nation building में जुट गए हैं, वो देखकर मैं बहुत भरोसे से भरा हुआ हूं। जिस तरह हमारे युवा हैकाथॉन में problem solve करते हैं, रात-रात भर जागकर घंटों काम करते हैं, वो बहुत ही प्रेरणा देने वाला है। मैंने लाल किले से 'जय अनुसंधान' का आह्वान किया था। मैनें इस दशक को भारत का Techade बनाने की बात भी कही थी। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा, इसकी कमान हमारी IITs के students ने भी संभाल ली है। 

पर्यावरण और रन फॉर यूनिटी पर बोले मोदी
पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, हमारे समाज के कण-कण में समाहित है और इसे हम अपने चारों ओर महसूस कर सकते हैं। देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना जीवन खपा देते हैं। 

कल, 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस है, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म-जयन्ती का पुण्य अवसर है। इस दिन देश के कोने-कोने में #RunForUnity का आयोजन किया जाता है। ये दौड़, देश में एकता के सूत्र को मजबूत करती है, हमारे युवाओं को प्रेरित करती है। 'जुड़ेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया' इस Theme के साथ राष्ट्रीय खेलों ने जहां एकता का मजबूत सन्देश दिया, वहीं भारत की खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देने का काम किया है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में राष्ट्रीय खेलों का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था। Gold Medal जीतने में सबसे आगे जो तीन टीमें रहीं, वे हैं- सर्विसेस की टीम, महाराष्ट्र और हरियाणा की टीम। इन खेलों में छह National Records और करीब-करीब 60 National Games Records भी बने।

जनजातीय दिवस को लेकर कही ये बात
मोदी ने कहा-नवम्बर महीने में 15 तारीख को हमारा देश जन-जातीय गौरव दिवस मनाएगा। आपको याद होगा, देश ने पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयन्ती के दिन आदिवासी विरासत और गौरव को Celebrate करने के लिए ये शुरुआत की थी। भगवान बिरसा मुंडा ने अपने छोटे से जीवन काल में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लाखों लोगों को एकजुट कर दिया था।  उन्होंने भारत की आजादी और आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। जब धरती आबा बिरसा मुंडा की बात आती है, छोटे से उनके जीवन काल की तरफ नजर करते हैं, आज भी हम उसमें से बहुत कुछ सीख सकते हैं। धरती आबा ने कहा था- यह धरती हमारी है, हम इसके रक्षक हैं। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि हमें हमारी आदिवासी संस्कृति को भूलना नहीं है, उससे रत्ती-भर भी दूर नहीं जाना है। आज भी हम देश के आदिवासी समाजों से प्रकृति और पर्यावरण को लेकर बहुत कुछ सीख सकते हैं।

प्रकाश पर्व का भी जिक्र किया
मोदी ने कहा-आने वाले 8 नवम्बर को गुरुपर्व है। गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व जितना हमारी आस्था के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही हमें इससे सीखने को भी मिलता है। गुरु नानकदेव जी ने अपने पूरे जीवन, मानवता के लिए प्रकाश फैलाया। देश ने गुरुओं के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। हमें गुरु नानकदेव जी का 550वां प्रकाश पर्व, देश और विदेश में व्यापक स्तर पर मनाने का सौभाग्य मिला था। दशकों के इंतजार के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण होना भी उतना ही सुखद है। हमें हमारे गुरुओं के विचारों से लगातार सीखना है, उनके लिए समर्पित रहना है। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा का भी है, इस दिन हम तीर्थों में, नदियों में, स्नान करते हैं, सेवा और दान करते हैं। मैं आप सभी को इन पर्वों की हार्दिक बधाई देता हूं।

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पिछले मन की बात में चीतों पर चर्चा
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' (Mann Ki Baat) के 93 संस्करण में करीब आधे घंटे की चर्चा में नामीबिया से भारत लाए गए चीतों से लेकर 27 सितंबर से गुजरात में होने वाले नेशनल गेम्स तक को लेकर बात की थी। क्लिक करके पढ़ें पूरी डिटेल्स

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