सार
DRDO ने TAPAS नाम का ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो जंग के मैदान में गेमचेंजर साबित होगा। इसका मुख्य काम निगरानी करना है। हमला होने की स्थिति में यह अपना बचाव भी कर सकता है।
बेंगलुरु। बेंगलुरु के येलहंका एयर बेस पर आयोजित हो रहे एयरो इंडिया 2023 (Aero India 2023) में इस बात की झलक मिल रही है कि भारत की कंपनियां चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट ड्रोन टेक्नोलॉजी के मामले में कितना आगे हैं।
एयरो इंडिया में भारत सरकार की संस्था DRDO (Defence Research and Development Organization) ने अपना TAPAS-BH ड्रोन प्रदर्शित किया है। यह ड्रोन लोगों का ध्यान खींच रहा है। यह ड्रोन निगरानी के लिए बना है। इसकी मदद से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी जा सकती है। यह जंग के मैदान में गेमचेंजर साबित हो सकता है।
जंग के मैदान में बढ़ गई है ड्रोन की भूमिका
रूस-यूक्रेन युद्ध हो या अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई, दुनिया ने देखा है कि ड्रोन का इस्तेमाल कितना अधिक बढ़ गया है। चीन और पाकिस्तान मिलकर ड्रोन बना रहे हैं। इसे देखते हुए भारत ने भी ड्रोन के क्षेत्र में रिसर्च और निर्माण पर ध्यान दिया है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की ओर से भारत में ड्रोन के माध्यम से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी बढ़ गई है।
Asianet Newsable ने डीआरडीओ में महानिदेशक-इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन सिस्टम्स (ईसीएस) बीके दास से TAPAS-BH ड्रोन पर बात की। बीके दास ने कहा, "TAPAS को डीआरडीओ के ADE लैब द्वारा बनाया गया है। इसके लिए DEL जैसी कई और एजेंसियों से सहयोग लिया गया है। DEL द्वारा ड्रोन का पूरा डेटा लिंक दिया गया है। IRDE (Instruments Research & Development Establishment) ने ड्रोन के इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम को विकसित किया है। LRDE द्वारा ड्रोन का रडार बनाया गया है।"
रियल टाइम में HD वीडियो भेजता है ड्रोन का कैमरा
बीके दास ने बताया कि TAPAS बहुत अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। इसका मुख्य काम निगरानी करना है। ड्रोन का कैमरा रियल टाइम में HD (High Definition) वीडियो भेजता है। इसमें सिंथेटिक अपरचर रडार लगा है। इसकी मदद से पता लगाया जा सकता है कि दुश्मन के ठिकाने कहां हैं और वह किस तरह की तैयारी कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि TAPAS ड्रोन हमला होने पर अपना बचाव कर सकता है। इसके EWS सिस्टम के पास जैमिंग की क्षमता है। अगर किसी रेडिएशन से ड्रोन को नुकसान होने की संभावना हो तो यह उसे जैम कर देता है। ड्रोन में सेल्फ प्रोटेक्शन सुइट है। इस ड्रोन के सेंसर बहुत अधिक ताकतवर हैं। ड्रोन को विमान की तरह हवा में तेजी से मोड़ा जा सकता है। कई देशों ने इस ड्रोन को खरीदने के प्रति रूची दिखाई है।
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