सार
रुड़की में होने वाली महापंचायत पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कल हेट स्पीच के मामले को लेकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि यदि इस बार नफरत भरे भाषण हुए तो मुख्य सचिव जिम्मेदार होंगे। उन्हें कोर्ट में खड़ा किया जाएगा।
रुड़की। उत्तराखंड में होने वाली महापंचायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की सख्ती के बाद रुड़की पुलिस ने धर्म संसद पर रोक लगा दी है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हिंदू महापंचायत से पहले मुख्य संयोजक दिनेशानंद भारती और उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने आनंद स्वरूप को भी हिसारत में लिया है और पूरे रुड़की शहर में धारा 144 लागू कर दी है। एक दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाई थी। कोर्ट ने कहा था कि नफरत भरे बयानों को रोका नहीं गया तो मुख्य सचिव इसके लिए जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने कहा था कि हेट स्पीच रोकने के लिए सभी कड़े कदम उठाएं। पुलिस की कार्रवाई के बाद तनाव भरा माहौल है। एहतियातन संवेदनशील इलाकों में पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है।
आयोजक बोले- थाने में करेंगे महापंचायत
प्रशासन द्वारा धर्म संसद पर रोक लगाने के बाद अब आयोजकों और प्रशासन के बीच टकराव के हालात बन गए हैं। आयोजकों का कहना है कि धर्म संसद हर हाल में होगी, चाहे थाने में ही महापंचायत क्यों न करनी पड़े। पुलिस ने इस मामले में आयोजकों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। इलाके में कोई उपद्रव नहीं हो, इसके लिए ड्रोन से निगाह रखी जा रही है।
16 अप्रैल को जुलूस के दौरान भड़की थी हिंसा
हरिद्वार के भगवानपुर इलाके में हाल ही में हुई हिंसा और पथराव के मुद्दे पर जहां चर्चा होनी थी वहां प्रशासन ने महापंचायत आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हरिद्वार के भगवानपुर इलाके में 16 अप्रैल को एक धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं।
2021 में पुलिस ने दर्ज किया था केस
2021 में हुई धर्म संसद में उत्तराखंड पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस धर्म संसद को लेकर देश भर में काफी बवाल हुआ था। इस मामले में एक शिकायतकर्ता की रिपोर्ट पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज हुआ था।
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