सार

केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' को लेकर फैली हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। तीसरे दिन भी देश के अलग-अलग राज्यों में लोगों ने सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया। बिहार, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में युवा सड़कों पर उतर आए। आखिर एक अग्निवीर और नियमित सैनिक के वेतन-भत्तों और सुविधाओं में क्या फर्क है। 

Agniveer vs Regular Sainik: सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' (Agnipath scheme) को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीसरे दिन भी बिहार, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में लोगों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए ट्रेनों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहे विरोध के बीच सरकार ने गुरुवार को अग्निपथ योजना की उम्र सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी। हालांकि, इसके बाद भी प्रदर्शन नहीं रुक रहे हैं। आखिर युवाओं के इस हिंसक प्रदर्शन की क्या वजह हैं, आइए जानते हैं। 

तो क्या इस वजह से हिंसा पर उतरे युवा?
- इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले युवा जब 4 साल की नौकरी पूरी कर लेंगे तो फिर आगे उनका फ्यूचर क्या होगा? 
- केंद्र सरकार के ग्रुप-डी और चतुर्थ क्लास के कर्मचारियों का वेतन भी 30 हजार से ज्यादा होता है। ऐसे में 4 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती होने वाले युवा सैनिकों का वेतन इनसे भी कम क्यों? 
- कोरोना के चलते देशभर में सैनिकों की भर्ती रैली बंद थी। हालांकि, इस दौरान कई राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए और उनके लिए नियमित रूप से रैलियां भी हुईं। 
- फिजिकल और मेडिकल टेस्ट होने के बाद भी कई सैनिक भर्ती रैलियों को बीच में ही रद्द कर दिया गया। 

सबसे ज्यादा हिंसा बिहार-यूपी में ही क्यों?
अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार और यूपी जैसे राज्यों में दिख रहा है। इसकी एक वजह ये भी है कि इन दोनों ही राज्यों से सबसे ज्यादा सैनिक मिलिट्री में आते हैं। तीनों सेनाओं में करीब साढ़े 13 लाख जवान हैं, जिनमें से 2.18 लाख जवान यूपी से जबकि 1.04 लाख जवान बिहार से हैं। इसके बाद राजस्थान से 1.03 लाख, महाराष्ट्र से 93,938, पंजाब से 93, 438 और हरियाणा से 89, 239 जवान हैं। 

नियमित सैनिक vs अग्निवीर में फर्क (Agniveer scheme salary details) : 

कैटेगरीअग्निवीरनियमित सैनिक
वेतन

पहले साल कुल वेतन-30 हजार रुपए
हाथ में आएंगे - 21 हजार रुपए
अग्निवीर कॉर्पस फंड में जाएगा : कुल वेतन का 30% 
इसी तरह दूसरे साल वेतन 33 हजार, तीसरे साल 36,500 और चौथे साल 40,000 रुपए हो जाएगा। इसका 30% कटने के बाद सैलरी हाथ में आएगी।

शुरुआत में कुल मासिक वेतन 25 हजार रुपए
हाथ में आते हैं - 22 हजार रुपए 
बाद में सीनियरिटी के हिसाब से हर साल वेतन में वृद्धि
नौकरी का कुल समय4 साल19 साल
इंश्योरेंस 44 लाख रुपए (शर्तों के मुताबिक) 75% विकलांगता है तो 44 लाख रुपए, 50% विकलांगता पर 25 लाख रुपए और 25% विकलांगता पर 15 लाख रुपए25-45 लाख रुपए (रैंक के मुताबिक)
पेंशननहीं मिलेगीआजीवन मिलेगी
ट्रेनिंग10 हफ्ते से 6 महीने11 महीने
छुट्टीअभी तय नहीं साल में 90
मेडिकल अभी तय नहींआजीवन मिलेगी

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