सार
गुजरात के सूरत में ब्रिज ढहने की घटना के बाद भी राज्य के म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने कोई सीख नहीं ली है। ताजा मामला अहमदाबाद का है, जहां ब्लैक लिस्टेड कंपनी को बड़ा काम दे दिया गया है।
Ahmedabad Municipal Corporation. सूरत में ब्रिज गिरने की घटना से भी कोई सीख नहीं ली गई है। अब अहमदाबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन ने शहर ब्रिजों और फ्लाइओवर्स की सुरक्षा जांच का जिम्मा उस एजेंसी को सौंप दिया है, जो पहले से ही ब्लैक लिस्टेड है। जबकि इसी साल जुलाई में सूरत में बड़ी घटना हो गई थी। अब अहमदाबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन ने जियो डिजाइन एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड को सेफ्टी स्टेटस चेक करने की जिम्मेदारी दे दी है।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को क्यों दिया काम
जियो डिजाइन एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ही सूरत में गिरे ब्रिज की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट थी। घटना के दो सप्ताह के बाद ही इस एजेंसी को काली सूची में डाल दिया गया था। यह कंपनी अगले दो साल के लिए ब्लैक लिस्टेड है। अब अहमदाबाद में पंकज एम पटेल कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ इस कंपनी को शहर के 82 ब्रिजों और फ्लाइओवर्स की सुरक्षा जांच का काम दिया गया है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बिना किसी टेंडर प्रक्रिया और पब्लिकेशन के ही एजेंसी को यह बड़ा काम सौंप दिया गया है।
क्या कहता है अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन
अपने बचाव में अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन अलग ही बयान दे रहा है। एएमसी का कहना है कि एजेंसी को मई में ही यह काम दिया गया था और तब यह एजेंसी ब्लैक लिस्टेड नहीं की गई थी। हालांकि यह नहीं बताया जा रहा है कि बिना किसी टेंडर के जल्दबाजी में एजेंसी को काम क्यों दे दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि राज्य के सड़क विभाग ने म्यूनिसिपल कारपोरेशन को मार्च में जांच के लिए कहा था। विभाग ने 7 सदस्यों का पैनल बनाया है, जो कि जांच प्रक्रिया को फॉलो करेगा। इसी पैनल के बाद म्यूनिसिपल कारपोरेश ने तीन एजेंसियों का चयन किया था। लेकिन अंत में दो कंसल्टेंट्स को यह काम सौंप दिया गया।
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