अहमदाबाद हादसे के बाद एयर इंडिया को 10,000 करोड़ का घाटा हुआ है। कंपनी ने अपनी उड़ानें जारी रखने के लिए मालिक टाटा संस से आर्थिक मदद मांगी है। अब एयर इंडिया का भविष्य क्या होगा?

नई दिल्ली. अहमदाबाद विमान हादसे ने एयर इंडिया को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। भारी घाटे में चल रही सरकारी एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने वापस खरीदा था। जब कंपनी धीरे-धीरे उबर रही थी, तभी अहमदाबाद हादसे ने पूरे देश की एयरलाइन कंपनियों पर सवाल खड़े कर दिए। कई नए सुरक्षा नियम लागू हुए हैं, जिससे एयर इंडिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब, अपनी उड़ानें सामान्य रूप से जारी रखने के लिए एयर इंडिया ने 10,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मांगी है। यह अपील उसने अपनी पेरेंट कंपनी टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से की है।

10,000 करोड़ रुपये क्यों चाहिए?

अहमदाबाद हादसे से एयर इंडिया को भारी नुकसान हुआ है। कंपनी इस घाटे से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है। इसके अलावा, भारतीय विमानन मंत्रालय ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई कड़े नियम लागू किए हैं। इसलिए, एयर इंडिया के हर विमान को अपग्रेड करना ज़रूरी है। कंपनी ने कहा है कि उसे सेफ्टी फीचर्स, सिस्टम अपग्रेड और रखरखाव के लिए पैसों की ज़रूरत है। टाटा संस (74.9%) और सिंगापुर एयरलाइंस (25.1%) की हिस्सेदारी वाली इस कंपनी ने यह रकम बिना ब्याज के लोन के रूप में मांगी है।

भारत में एयरलाइंस को फायदे से ज़्यादा घाटा

भारत में ज़्यादातर एयरलाइन कंपनियाँ फायदे से ज़्यादा घाटे में हैं। कई कंपनियाँ तो इसी वजह से बंद भी हो चुकी हैं। इनमें से सिर्फ इंडिगो एयरलाइंस ही मुनाफे में है, जिसका भारतीय बाज़ार में करीब 64% हिस्सा है।

एयर इंडिया की शुरुआत टाटा ने की थी

एयर इंडिया को टाटा ने ही शुरू किया था। आज़ादी के बाद, भारत में एयरलाइंस का सरकारीकरण कर दिया गया। उस समय टाटा की एयर इंडिया सरकार का हिस्सा बन गई। तब से लेकर जब तक टाटा ने इसे वापस नहीं खरीदा, एयर इंडिया ने कभी ठीक से मुनाफा नहीं कमाया।