सार
पिछले साल की तरह इस साल भी सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है। यानी दिवाली पर पटाखे फोड़ने का मतलब है सीधे जेल। लेकिन इस एक वीडियो ने 'आम आदमी पार्टी' की फजीहत करा दी है। ये पटाखे राजकुमार आनंद को नया सामाजिक कल्याण मंत्री बनाने के ऐलान के बाद फोड़े गए।
नई दिल्ली. दिल्ली और NCR की हवा सितंबर आने के साथ ही खराब होने लगती है। अरविंद केजरीवाल सरकार के तमाम उपायों के बावजूद एयर पॉल्युशन कंट्रोल में नहीं आ पा रहा है। पिछले साल की तरह इस साल भी सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है। यानी दिवाली पर पटाखे फोड़ने का मतलब है सीधे जेल। लेकिन इस एक वीडियो ने 'आम आदमी पार्टी' की फजीहत करा दी है। केजरीवाल ने पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद को दिल्ली का नया सामाजिक कल्याण मंत्री बनाने का ऐलान किया है। वे विवादास्पद बयान देने के आरोपों के चलते इस्तीफा देने वाले राजेंद्र पाल गौतम की जगह लेंगे। जैसे ही केजरीवाल ने आनंद के नाम का ऐलान किया, उनके समर्थकों ने सड़कों पर बैन के बावजूद पटाखे फोड़े। इसे लेकर सोशल मीडिया पर उनकी फजीहत हो रही है। पढ़िए भाजपा ने क्या कहा?
भाजपा ने किए tweets
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने tweet करके लिखा-प्रदूषण के कारण हिंदुओं द्वारा पटाखों के साथ दिवाली मनाने पर प्रतिबंध! लेकिन अगर AAP के राज कुमार आनंद के चमचे उनके मंत्री पद का जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़ते हैं, तो यह धर्मनिरपेक्ष प्रदूषण है? आप के शासन वाले पंजाब में बीटीडब्ल्यू पराली जलाना 9 दिनों में 3 गुना बढ़ गया, जबकि दिल्ली में एक्यूआई घट गया।
भाजपा के ही एक अन्य प्रवक्ता और दिल्ली मीडिया रिलेशंस के इंचार्ज हरीश खुराना ने लिखा-हम हिंदू दिवाली पर पटाखे जलाए तो प्रदूषण फैलेगा, तुम्हारे कार्यकर्ता मंत्री बनने पर पटाखे जलाएं, तो ठीक @ArvindKejriwal। वैसे मंत्री जी द्वारा जलाए पटाखे तो स्पेशल होंगे, इससे प्रदूषण नहीं फैलेगा क्यों? सारे क़ानून वैसे हिंदुओं के त्योहारों के लिए होते हैं।
मंत्री बोले-सुतली बम हो या रॉकेट, पटाखों की पूंछ में आग लगाई तो जाना होगा जेल
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़े स्तर के चलते पटाखे चलाने पर प्रतिबंध है। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने दिवाली जैसे पर्व के अवसर पर प्रतिबंध में छूट की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने प्रदूषण का हवाला देकर याचिका खारिज कर दी। अब दिल्ली में पटाखे चलाने पर कितनी सजा होगी, इसकी घोषणा भी कर दी गई है। सुतली बम हो या रॉकेट किसी भी तरह के पटाखे की पूंछ में आग लगाने का दोषी पाए जाने पर छह माह के लिए जेल जाना पड़ सकता है। बुधवार(19 अक्टूबर) को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पटाखे चलाने पर 200 रुपए जुर्माना से लेकर 6 माह जेल तक की सजा हो सकती है। राजधानी में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत 5,000 रुपए तक का जुर्माना और तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।
सितंबर में दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध में दिवाली पर्व भी शामिल है। पिछले दो साल से दिल्ली में दिवाली के दौरान पटाखों पर बैग लग रहा है। राय ने कहा कि लोग पटाखे नहीं चलाएं इसके लिए जन जागरूकता अभियान "दीये जलाओ पटाखे नहीं" 21 अक्टूबर को शुरू किया जाएगा। दिल्ली सरकार शुक्रवार को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 51,000 दीये जलाएगी।
लगातार खराब हो रही दिल्ली की हवा
दिल्ली-NCR में शनिवार(22 अक्टूबर) तक वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ रहने की आशंका के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(Commission for Air Quality Management) ने बुधवार को अधिकारियों को GRAP के दूसरे फेज को लागू करने का निर्देश दिया। इसमें रेस्तरां और खुले भोजनालय के अलावा होटलों में कोयले और जलाऊ लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के उपयोग पर भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के फेज-2 के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह स्थिति की गंभीरता के अनुसार राजधानी और इसके आसपास के वायु प्रदूषण विरोधी उपायों का एक सेट है। GRAP को दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है। 'खराब' वायु गुणवत्ता (AQI 201-300) के मामले में फेज-1; 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 301-400) के लिए फेज-2; 'गंभीर' वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 401-450) के लिए फेज-3 और 'गंभीर प्लस' (एक्यूआई>450) के लिए फेज-4।
आशंका है कि 24 अक्टूबर को दिवाली त्योहार से स्थिति और खराब होने की उम्मीद है, इसलिए, हवा की गुणवत्ता को और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने फैसला किया कि जीआरएपी के फेज-2 के तहत आवश्यक उपाय किए जाएं। फेज-2 के तहत किए जाने वाले अन्य उपायों में हर दिन सड़कों की वैक्यूम-आधारित सफाई, धूल प्रदूषण को रोकने के लिए पानी का छिड़काव और निर्माण और विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करना शामिल है। बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 गंभीर माना जाता है।
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