सार

बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने रिकॉर्ड समय में लेह के तीनों मार्ग (Leh Routes) खोल दिए हैं। रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण यह एरिया सभी मौसम में सड़क मार्ग से कनेक्ट रहेगा।

 

Leh Routes Opened. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने रिकॉर्ड समय में लेह के तीनों मार्ग (Leh Routes) खोल दिए हैं। रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण यह एरिया सभी मौसम में सड़क मार्ग से कनेक्ट रहेगा। लद्दाख की लाइफलाइन कहे जाने वाले ये रूट्स श्रीनगर और मनाली को भी कनेक्ट करते हैं। साथ ही हिमाचल के अटल टनल को भी जोड़ते हैं। बीआरओ ने रिकॉर्ड टाइम में यह रास्ते खोलकर आश्चर्यजनक काम किया है।

439 किलोमीटर लंबा रूट

439 किलोमीटर लंबे रूट को 68 दिनों में 16 मार्च को खोल दिया गया। 11,540 फीट की ऊंचाई पर जोजिलॉ के पास श्रीनगर मार्ग बंद हो गया था। इसे कुछ महीनों के लिए भारी बर्फबारी की वजह से बंद करना पड़ा। वहीं 427 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग बाया अटल टनल को 138 दिन बाद खोल दिया गया जबकि यह मई-जून में ही ओपन होता था। इसके अलावा निम्मू-पदम-दरचा मार्ग को 55 दिनों के बाद ओपन कर दिया गया जो कि करीब 16,561 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह तीनों मार्ग लद्दाख को जोड़ने के लिए बनाए गए हैं और अभी भी ब्लैकटॉप तक इसका निर्माण किया जाना है।

3-4 महीने पहले खुले मार्ग

सामान्यतया यह रास्ते मई-जून की गर्मी में ही खुल पाते थे लेकिन अब उन्हें 3-4 महीने पहले ही खोल दिया गया है। इससे सेना के मूवमेंट को आसानी होगी। साथ ही आम नागरिकों को भी आवागमन में सुविधा होगी। चीन के साथ गलवान मामले को देखते हुए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि इस रास्ते पर ट्रूप मूवमेंट ज्यादा हो सकेगी। इस रास्ते के खुलने से ट्रकों की आवाजाही पढ़ेगी जिससे आम लोगों के लिए सामान आसानी से पहुंच सकेगा। लद्दाख के लोग और काम करने वाले मजदूर अब कम समय और पैसे में ट्रैवल कर पाएंगे। क्योंकि बर्फ की वजह से रास्ते बंद होने के कारण महंगी हवाई यात्रा करनी पड़ती थी।

बीआरओ ने किया कमाल

भारत के लिहाज से महत्वपूर्ण पास को बीआरओ की वजह से शुरू किया जा सका है। यहां जोजिला पास तैयार किया जा रहा है जो बहुत जल्द ही चालू कर दिया जाएगा। वहीं शिंकू ला को भी ओपन होने से हर मौसम में कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे यहां का सामान्य जीवन तो बेहतर होगा कि सेना की मूवमेंट भी आसान हो जाएगी क्योंकि बर्फ पड़ने की वजह से अक्सर यह रास्ते साल में 6 महीने बंद ही रहते थे।

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