सार
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2023) के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 1 जुलाई से शुरू होने वाली यह यात्रा 62 दिन चलेगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी।
जम्मू। एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2023) की शुरुआत होगी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर से कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय के पहाड़ों पर चलते हुए श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। यह यात्रा 1 जुलाई, 2023 को शुरू होने वाली है। गुफा में भक्तों को प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के लिंगम के दर्शन होते हैं। इस यात्रा के लिए देश-विदेश से भक्त कश्मीर आते हैं। इस साल यात्रा 62 दिन चलेगी। यह 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को समाप्त होगी।
अमरनाथ यात्रा के लिए हैं दो ट्रैक
अमरनाथ यात्रा के दो ट्रैक हैं। एक नुनवान-पहलगाम से और दूसरी बालटाल से शुरू होती है। नुनवान-पहलगाम मार्ग अनंतनाग जिले में है। यह पारंपरिक ट्रैक 48 किलोमीटर लंबा है। वहीं, गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल ट्रैक है। इसकी लंबाई कम है, लेकिन इसमें अधिक खड़ी चढ़ाई है। अमरनाथ यात्रा के लिए 3,500 श्रद्धालु जम्मू पहुंच गए हैं।
अमरनाथ यात्रा के लिए की गई है कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था
अमरनाथ यात्रा के लिए सेना और स्थानीय पुलिस द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के कई लेयर हैं। भगवती नगर आधार शिविर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे रूट पर सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही सेना और पुलिस के जवान भी सुरक्षा-व्यवस्था के लिए तैनात किए गए हैं।
सीआरपीएफ के 160 बटालियन के कमांडेंट हरिओम खरे ने बताया कि बेस कैंप को पूरी तरह सुरक्षित किया गया है। बम निरोधक दस्ता विस्फोटकों का पता लगा रहा है। हरिओम खरे ने कहा, "हमारे पास डॉग स्क्वाड भी है। हमने हर तैयारी की है। सभी रूट को कवर किया गया है। तीर्थयात्रियों के काफिले को सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान करेगी। 24/7 निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल हो रहा है।"