सार
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के घर के बाहर गाड़ी में मिले विस्फोटक की जांच में एक के बाद एक नये 'धमाके' हो रहे हैं। परमबीर सिंह के लेटर बम (Param Bir Singh vs Anil Deshmukh Controversy) ने सरकार को संकट में डाल दिया है। इस बीच दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) की बड़ी मीटिंग हो रही है। इससे पहले NCP प्रमुख शरद पवार ने मीडिया के सामने स्पष्ट कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं हैं।
मुंबई, महाराष्ट्र. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध गाड़ी और उससे जब्त हुए विस्फोटकों की जांच एक के बाद एक नये 'धमाके' कर रही है। परमबीर सिंह के लेटर बम (Param Bir Singh vs Anil Deshmukh Controversy) ने सरकार को संकट में डाल दिया है। इस बीच दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) की बड़ी मीटिंग हो रही है। इससे पहले NCP प्रमुख शरद पवार ने मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। शरद पवार आगरा से दिल्ली पहुंचे थे।
पवार का दावा
- मंत्री पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन चिट्ठी पर दस्तखत नहीं हैं। चिट्टी में यह नहीं बताया कि पैसे कहां भेजे।
- देशमुख पर आरोप के सबूत नहीं है। परमबीर सिंह ने तबादले के बाद चिट्टी लिखी। पहले चुप रहे।
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्री के खिलाफ इन आरोपों की जांच के बारे में निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है।
- सरकार गिराने की कोशिश हो रही है या नहीं, हमें नहीं मालूम। हालांकि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है।
- 16 साल पहे वाझे को सस्पेंड किया गया था। उसकी बहाली का फैसला CP(कमिश्नर ऑफ पुलिस) ने किया था। मुख्यमंत्री या देशमुख ने यह फैसला नहीं लिया था।
- इस मामले से सरकारी की छवि पर असर नहीं पड़ेगा।
- उधर, एक मीडिया हाउस से बातचीत में परमबीर सिंह ने कहा कि सीएम को उन्होंने ही चिट्टी लिखी है, वो सही है। जिस ईमेल के जरिये वो लेटर भेजा गया, वो उन्हीं की है।
राजनीतिक गलियारों में ट्वीट की चर्चा
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व कमिशनर परमबीर सिंह की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बता दें कि परमबीर सिंह ने चिट्टी में आरोप लगाया है कि गृहमंत्री देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने को कहा था। इस विवाद के बाद शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का एक ट्वीट आया है। इसमें उन्होंने लिखा है-"हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।" इसके साथ ही राउत ने बयान दिया कि सभी दलों को यह जांचना चाहिए कि उनके पांव जमीन पर हैं या नहीं। संजय राउत ने अपने पूर्व बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी कहा था कि कुछ मामलों में राज्य सरकार को पहले से नजर रखनी चाहिए और कुछ अफसरों की निगरानी की जानी चाहिए।
संजय राउत के इस ट्वीट की राजनीति गलियारों में चर्चा है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, संजय राउत अकसर ट्वीट में शेरो-शायरी के जरिये अपनी बात कहते रहे हैं। बता दें कि एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी जो स्कॉर्पियो मिली थी, उसके मालिक बिजनेसमैन मनसुख हिरन की संदिग्ध मौत के मामले में सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया है। बहरहाल, माना जा रहा है कि अब परमबीर सिंह ने एंटीलिया मामले की जांच कर रही NIA पूछताछ कर सकती है। इस पूरे मामले के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है कि महाराष्ट्र में शिवसेना फिर से भाजपा के साथ हो जाए।
चिट्टी से महाविकास अघाड़ी में टेंशन
परमबीर सिंह की चिट्टी से शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महा विकास अघाडी (MVA) सरकार में तनातनी की स्थिति बनते दिख रही है। संभावना है कि शिवसेना अपनी बिगड़ती छवि को बचाने इस गठबंधन पर विचार कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो बिहार के अंदाज में भाजपा उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने रहने देगी और सरकार को सपोर्ट करेगी। हालांकि इस संबंध में अभी किसी बड़े नेता ने कुछ नहीं बोला है।
- महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा-गृह विभाग के कारोबार पर सवाल उठाने वाले परमबीर सिंह पहले व्यक्ति नहीं है, इससे पहले महाराष्ट्र के डीजी सुबोध जायसवाल ने गृह विभाग में होने वाली रिश्वतखोरी, तबादला के बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी। लेकिन CM ने इस पर कार्रवाई नहीं की। शरद पवार साहब महाराष्ट्र सरकार को बचाने की ज़िम्मेदारी अपने कंधे पर लिए हुए हैं, क्योंकि उन्होंने ही इस सरकार को बनाया है, इसलिए वो मानते हैं कि वो अपने प्रोडक्ट को सुरक्षित रखें।
- इस मामले में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा-''कल्पना कर सकते हैं कि अगर एक महीने में एक पुलिस चीफ को 100 करोड़ रुपए देनी की बात कही जाती है तो जब से उनकी नियुक्ती हुई और अब तक वो कितना पैसा दे चुके थे।"
- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा-''हमारी मांग है कि सचिन वाझे और शिवसेना का संबंध बहुत नजदीक दिख रहा है। देवेंद्र फडणवीस ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी है। ये प्रकरण गंभीर है। मैं गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखने जा रहा हूं कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होना ही चाहिए।''
- भाजपा नेता कीर्ति सौम्या ने कहा कि अब सब ओपन हो गया है कि ठाकरे सरकार वसूल करने वाली सरकार है। API सचिन वाजे, ACP संजय पाटिल, पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और गृहमंत्री अनिल देशमुख पैसा वसूल कर रहे थे। इन सबकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
- राज ठाकरे ने कहा-अनिल देशमुख को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। मुख्य मुद्दा एक उद्योगपति के घर के पास विस्फोटक मिलने का है। मैं केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील करता हूं। राज्य सरकार इस मामले की जांच नहीं कर सकती।
नागपुर: भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/MJgBMruCGm