सार
अमेरिकी सिनेट में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सीनेटरों द्वारा एक प्रस्ताव पेश कर अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि चीन खतरा बन गया है। अमेरिका ने LAC पर चीन की आक्रामकता की नींदा की है।
वाशिंगटन। LAC (Line of Actual Control) पर भारत और चीन के बीच तनातनी बनी हुई है। इस बीच अमेरिका ने LAC पर चीन की आक्रामकता को गलत बताया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन खतरा बना हुआ है।
अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने के लिए अमेरिकी सीनेट में गुरुवार को द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें चीन द्वारा LAC पर यथास्थिति को बदलने के लिए की जा रही सैन्य आक्रामकता की नींदा की गई है।
चीन बन गया है खतरा
प्रस्ताव में कहा गया है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है और इसे 'दक्षिण तिब्बत' कहता है। चीन आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों को लागू कर रहा है। इससे वह दूसरों के लिए खतरा बन गया है। इस प्रस्ताव को डेमोक्रेट सीनेटर जेफ मर्कले और रिपब्लिकन सीनेटर बिल हेगर्टी द्वारा सीनेट में पेश किया गया है। इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर जॉन कॉर्निन ने प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया है।
मैकमोहन रेखा को अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है अमेरिका
प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अरुणाचल प्रदेश राज्य को एक विवादित क्षेत्र के रूप में नहीं बल्कि भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देता है। अमेरिका मैकमोहन रेखा को चीन और भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देता है।
दरअसल, 1914 में शिमला समझौते के तहत भारत और तिब्बत की सीमा रेखा पर समहति व्यक्त की गई थी। भारत की ब्रिटिश सरकार के विदेश सचिव और चीन के साथ विवादों को सुलझाने के मुख्य वार्ताकार सर हेनरी मैकमोहन ने सीमा रेखा तय करने वाली बातचीत में अहम रोल निभाया था। इसलिए इसे मैकमोहन रेखा नाम दिया गया। बाद में चीन ने तिब्बत पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया था।