सार

दिल्ली में कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की संख्य 384 हो गई है। अरविंद केजरीवाल ने बताया, 384 में से 259 केस निजामुद्दीन मरकज से जुड़े हुए लोगों का है। दिल्ली में अभी तक 5 लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हुई है।

नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की संख्य 384 हो गई है। अरविंद केजरीवाल ने बताया, 384 में से 259 केस निजामुद्दीन मरकज से जुड़े हुए लोगों का है। दिल्ली में अभी तक 5 लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हुई है। इनमें एक शख्स मरकज से जुड़ा हुआ था। पिछले 24 घंटों की बात करें तो 91 मामले सामने आए हैं। 

384 मामलों में से 58 मरीज विदेश की यात्रा किए थे
अरविंद केजरीवाल ने कहा, इन 384 मामलों में से 58 मरीज ने विदेश की यात्रा थी। इनमें से कई दिल्ली से नहीं हैं, लेकिन उन्हें यहां दिल्ली में क्वारंटाइन में रखा गया। 259 मरीज मरकज के हैं। 

328 राहत शिविरों में 57,000 लोग
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने 57,000 लोगों को 328 राहत शिविरों में ठहराया है। कोई भी इन राहत केंद्रों में आ सकता है और यहां रह सकता है, हम उनका ख्याल रखेंगे।

- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, अभी दिल्ली में कोरोना के कुल 293 मामले हैं। कल मामलों में 141 की बढ़त हुई है, इसमें 12 मामले दिल्ली के थे और 129 मामले मरकज के थे। इन 293 मामलों में से 182 मामले मरकज के हैं। अभी तक देश और दिल्ली स्टेज 2 में है।

- अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार पर सत्येंद्र जैन ने कहा, एक तो भाषा की परेशानी है। ज्यादातर लोगों को ना तो हिंदी आती है और ना ही अंग्रेजी। वो दूर-दूर के राज्यों के हैं, कई विदेशी हैं। दूसरा उनको लगता है कि हमको अस्पताल में क्यों रखा गया है। पुलिस से मदद मांगी गई है।

क्या है निजामुद्दीन मरकज तब्लीगी जमात मामला?
निजामुद्दीन में 1 से 15 मार्च तक तब्लीगी जमात मरकज का जलसा था। यह इस्लामी शिक्षा का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां हुए जलसे में देश के 11 राज्यों सहित इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से भी लोग आए हुए थे। यहां पर आने वालों की संख्या करीब 5 हजार थी। जलसा खत्म होने के बाद कुछ लोग तो लौट गए, लेकिन लॉकडाउन की वजह से करीब 2 हजार लोग तब्लीगी जमात मरकज में ही फंसे रह गए। लॉकडाउन के बाद यह इकट्ठा एक साथ रह रहे थे। तब्लीगी मरकज का कहना है कि इस दौरान उन्होंने कई बार प्रशासन को बताया कि उनके यहां करीब 2 हजार लोग रुके हुए हैं। कई लोगों को खांसी और जुखाम की भी शिकायत सामने आई। इसी दौरान दिल्ली में एक बुजुर्ज की मौत हो गई। जांच हुई तो पता चला कि वह कोरोना संक्रमित था और वहीं निजामुद्दीन में रह रहा था। तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।