सार
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को विजिलेंस की रिपोर्ट सौंपी है। इसमें मुख्य सचिव नरेश कुमार पर भूमि मुआवजा घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं। सीएम ने मांग की है कि मुख्य सचिव को हटाया जाए।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को विजिलेंस विभाग की मंत्री अतिशी से मिली रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने मांग किया है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए।
अतिशी ने मंगलवार को यह रिपोर्ट सीएम को सौंपा था। इसमें आरोप लगाए गए हैं कि मुख्य सचिव भूमि मुआवजा घोटाला मामले में शामिल हैं। उन्होंने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपए का अवैध फायदा पहुंचाया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने आतिशी को मामले की आगे की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
2015 में 75 लाख में खरीदा गया था जमीन का वह टुकड़ा
दिल्ली विजिलेंस की रिपोर्ट 670 पेज की है। यह बामनोली गांव में जमीन के एक टुकड़े को लेकर दिए गए मुआवजे की जांच पर आधारित है। इस जमीन को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अधिग्रहित किया गया था। आरोप है कि 2015 में जमीन के इस टुकड़े को 75 लाख रुपए में खरीदा गया था। जमीन खरीदने वाली कंपनी नरेश कुमार के बेटे से जुड़ी है। इस जमीन का अधिग्रहण किया गया तो कई गुना अधिक पैसे दिए गए। नरेश कुमार के बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपए का नाजायज फायदा पहुंचाया गया।
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जांच इस बात की ओर भी इशारा करती है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कई कंपनियों को सरकारी ठेके दिए। चौहान के योजना से लाभान्वित होने वाले भूस्वामियों के साथ व्यावसायिक संबंध थे। रिपोर्ट में "कनेक्शन और कालक्रम" का हवाला दिया गया है। यह मुख्य सचिव कुमार, जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पश्चिम) हेमंत कुमार और अधिग्रहण में शामिल भूमि मालिकों के बीच मिलीभगत का संदेह पैदा करता है।
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