सार
एशियानेट न्यूज हिंदी से खास बातचीत में महंत राजू दास जी महाराज ने बताया, राम जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट में अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी समेत 2 आईएएस अफसरों को शामिल किया गया, ताकि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। राम मंदिर निर्माण में सरकार और ट्रस्ट की मंशा एकदम साफ है।
अयोध्या. बाबर विदेशी आक्रांता था, इसलिए अब अयोध्या में बाबरी नाम से मस्जिद नहीं बननी चाहिए। यह कहना है हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास जी महाराज का। इतना ही नहीं महंत राजू दास ने मस्जिद निर्माण को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड की मंशा पर भी सवाल उठाए।
दरअसल, अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर के अलावा मस्जिद का भी निर्माण किया जाना है। कोर्ट ने मस्जिद के निर्माण के लिए सरकार को आदेश दिया था कि वह 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे। इसमें मस्जिद का निर्माण हो सके। राज्य सरकार ने अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन दी है।
'मंदिर निर्माण को लेकर सरकार की मंशा साफ'
एशियानेट न्यूज हिंदी से खास बातचीत में महंत राजू दास जी महाराज ने बताया, राम जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट में अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी समेत 2 आईएएस अफसरों को शामिल किया गया, ताकि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। राम मंदिर निर्माण में सरकार और ट्रस्ट की मंशा एकदम साफ है।
मनमाने ढंग से काम करना चाहता है सुन्नी वक्फ बोर्ड- महंत
महंत राजू दास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद की कमेटी में सरकार के किसी भी अफसर को शामिल नहीं किया है। इसके पीछे मुख्य वजह है कि बोर्ड मनमाने ढंग से काम करना चाहता है। वह मस्जिद निर्माण में सरकार का किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं चाहता।
'अब बाबर के नाम पर नहीं बननी चाहिए मस्जिद'
महंत राजू दास ने एशियानेट से बातचीत में कहा, पहले बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण हो गया था। लेकिन अब धन्नीपुर में मस्जिद बाबर के नाम से नहीं बननी चाहिए। बाबर एक विदेशी आक्रांता था। इसलिए उसके नाम पर मस्जिद का निर्माण नहीं होना चाहिए।
भारत में मुगल वंश का संस्थापक था बाबर
बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 में हुआ था वह मुगलवंश का शासक था। बाबर का जन्म मध्यएशिया के वर्तमान उज्बेकिस्तान में हुआ था। उसने भारत पर 5 बार हमला किया। इतना ही नहीं दिल्ली में पानीपत के पहले युद्ध में उसने दिल्ली के अंतिम वंश लोदी वंश के सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराकर मुगल वंश की नींव डाली।