सार

कोविड की वजह से उजाड़ हो चुका मीना बाजार इस बार बकरीद पर गुलजार है। यहां एक से बढ़कर एक बेशकीमती बकरे लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। 15 लाख रुपये से लेकर 35 लाख वाले बकरों को तो देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुक्रवार को 35 लाख रुपये के एक बकरे का सौदा भी हो गया। 

नई दिल्ली। दिल्ली का मीना बाजार इन दिनों बकरों के आमद से गुलजार है। प्रसिद्ध मीना बाजार में बकरीद को लेकर तैयारियां जोरों पर है। एक से एक बेशकीमती बकरों से सजे इस बाजार में 35 लाख रुपये तक का बकरा बिक रहा है। लग्जरी लाइफ जीने वाले इन बकरों की खूबियों को पसंद करने वाले इनको कुर्बानी के लिए खरीद भी रहे हैं। 35 लाख रुपये वाला बकरा बिकने के बाद अब 15 से 30 लाख रुपयों की कीमत वाले कुछ बकरों के मोलभाव शुरू हो चुके हैं। हालांकि, इनके मालिकों को यह यकीन है कि जो कीमत उन लोगों ने लगाई है, उसी कीमत पर रविवार तक बकरे बिक जाएंगे।

मीना बाजार में लाखों की कीमत वाले बकरों की भरमार

मीना बाजार में बकरीद से पहले बिक्री के लिए तैयार सैकड़ों बकरियों में से कई की कीमत 15 से 30 लाख रुपये के बीच में है। दरअसल, उनके मालिकों का दावा है कि बकरियों के शरीर पर मुहम्मद' और अल्लाह' लिखा है- मुस्लिम समुदाय में दो सबसे सम्मानित शब्द हैं। इसलिए इन बकरों की कीमत लाखों में है। चमेली और गुलाब से बनी पायल से सजी और महंगे कपड़े पहने तीन बकरियों ने बाजार में प्रवेश करते ही सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उनमें से दो की उम्र एक-एक साल है और तीसरी की उम्र दो साल है। 

दो साल के बकरे की कीमत 30 लाख रुपये

दो साल के बकरे के मालिक 35 वर्षीय गुड्डू खान ने बताया कि इसकी कीमत 30 लाख रुपये रखी है। गुड्डू खान का दावा है कि उनकी बकरी अनमोल है। यूपी के बुलंदशहर से आए गुड्डू ने कहा कि वे दुर्लभ बकरियां हैं। कहीं नहीं देखा जा सकता है। वे अनमोल हैं। इन बकरियों पर मुहम्मद और अल्लाह अंकित है। गुड्डू के साथ दो अन्य बकरों के भी मालिक हैं। वह उनके भाई व भतीजे लेकर आए हैं। दोनों बकरियों की कीमत 15 लाख रुपये प्रति बकरा है।

गुड्डू के भतीजे अखिल खान की 11 जुलाई को शादी हो रही है, लेकिन वह 100 किलोमीटर दूर पुरानी दिल्ली के प्रसिद्ध बाजार में अपना बकरा लेकर पहुंचा है। वह चाहता है कि उसके बकरे की कीमत 15 लाख रुपये लगी है, उसे मिल जाए। अखिल ने कहा कि मैंने उसे एक साल से अधिक समय तक पाला। मुझे यकीन है कि मैं उसके लिए 15 लाख रुपये प्राप्त कर पाऊंगा। हमने उन्हें अच्छी तरह से खिलाया है और वे विशेष हैं क्योंकि उन पर अल्लाह का नाम अंकित है। तीनों व्यापारियों ने कहा कि उन्हें शाम तक बिक्री होने की उम्मीद है। अखिल ने बताया कि पिछले साल भी उसने 12 लाख रुपये में एक बकरी बेची थी।

एक दिन पहले ही 35 लाख रुपये में बिका बकरा

अखिल ने कहा कि मैं उन्हें शाम तक बेच दूंगा। कल भी यहां एक बकरी 35 लाख रुपये में बिकी थी।

मीना बाजार में बकरा बाजार की रौनक लौटी

राष्ट्रीय राजधानी में ईद के लिए सबसे प्रसिद्ध शॉपिंग हब मीना बाजार में 'बकरा मेला'में रौनक लौट आई है। दो साल से यह बाजार उजाड़ हो चुका था। कोरोना की वजह से बाजार बिल्कुल बुरे दौर में था। लेकिन इस साल यहां काफी दूर दूर से व्यापारी पहुंचे हैं। पूरे उत्तर भारत के व्यापारी यहां अपना पशुधन बेचने पहुंच रहे हैं। मीना बाजार के दोनों ओर उर्दू पार्क और हौज में करीब 100 टेंट लगाए गए हैं। दोनों इलाकों में दुकानें लगी हुई हैं, जिनमें ज्यादातर परिधान बेचते हैं। लेकिन पशुओं को बेचने के लिए दस दिनों के 'मेले' के लिए खाली कर दिया गया था।

कैसे तय होती है बकरों की कीमत?

यह पूछे जाने पर कि बकरियों की कीमतें कैसे तय की जाती हैं, हरियाणा के सोनीपत जिले के 21 वर्षीय सनी सरोहा ने कहा कि यह जानवर की विशेषताओं - वजन, रूप और ऊंचाई पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि उनकी कीमतें आसमान छूती हैं यदि वे एक तारे या अर्धचंद्र जैसा चिह्न रखते हैं। व्यापारियों ने दावा किया कि ऊंची कीमत पर तमाम बकरों के बेचे जाने के बाद भी बाजार में अभी मंदी है। हालांकि, खरीदार पहुंच रहे लेकिन पहले से पचास प्रतिशत की खरीदी कम दर्ज की गई है। 

कपड़ा व्यापारी मोहम्मद तबरेज ने कहा कि मैं पिछले 20 साल से यह दुकान चला रहा हूं। 28 वर्षीय मोहम्मद तबरेज़ ने कहा कि महामारी की चपेट में आने वाला व्यवसाय अभी तक सामान्य नहीं हुआ है। महामारी से पहले ईद के सप्ताह में यह बाजार जनता से गुलजार रहता था लेकिन अब यह बदल गया है। हालांकि, यह पिछले दो साल की तुलना में इस साल बेहतर है।

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