सार

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए बैन पर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। राजद प्रमुख लालू यादव ने RSS पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि PFI पर लगाए बैन का समर्थन नहीं किया जा सकता।
 

नई दिल्ली। आतंकी संगठनों की मदद करने और देश में कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने के चलते केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बुधवार को 5 साल के लिए बैन लगा दिया है। पीएफआई पर पाबंदी से नया राजनीतिक संग्राम शुरू हो गया है। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इसके खिलाफ बयान दिए हैं। 

राजद प्रमुख लालू यादव ने तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी बैन लगाने की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि पीएफआई की जांच हो रही है। आरएसएस समेत पीएफआई जैसे सभी संगठनों पर बैन लगाया जाना चाहिए और उनकी जांच की जानी चाहिए। लालू यादव ने ट्वीट किया कि सबसे पहले RSS को बैन करिए। आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।

 

 


ओवैसी बोले-PFI पर बैन का समर्थन नहीं कर सकते
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएफआई पर लगाए गए प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। किसी संगठन से जुड़े कुछ लोग अपराध करने हैं तो इसका यह मतलब नहीं कि पूरे संगठन को ही प्रतिबंधित कर दिया जाए। 

एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में 100 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। मैं पीएफआई का समर्थन नहीं कर रहा हूं, लेकिन सरकार को 5 साल के लिए पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लेने से पहले जांच का इंतजार करना चाहिए था। नफरत फैलाने वाले भाषण देने वाले बजरंग दल, आरएसएस, विहिप की जांच के लिए सरकार को केंद्रीय एजेंसियों से कहना चाहिए।

सिद्धारमैया बोले- आरएसएस पर भी हो कार्रवाई
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि हम शांति भंग करने वाले या कानून के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का विरोध नहीं करते हैं। आरएसएस और अन्य संगठन भी उसी तरह शांति भंग कर रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे किसी भी संगठन को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए जो शांति भंग करे। 

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सांप्रदायिकता फैलाने वाला व्यक्ति या संगठन बहुसंख्यक समाज से है या अल्पसंख्यक समाज से।

महाराष्ट्र सरकार भी करेगी कार्रवाई
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारत सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। यह अधिसूचना राज्यों को कुछ शक्तियां भी देती है। महाराष्ट्र भी पीएफआई पर कार्रवाई करेगा।

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केरल के कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने आरएसएस की तुलना पीएफआई से की और इस पर भी इसी तरह के प्रतिबंध की मांग की। के सुरेश ने कहा कि हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध कोई उपाय नहीं है, क्योंकि आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है। आरएसएस और पीएफआई दोनों एक समान हैं। सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई ही क्यों? आरएसएस भी बहुसंख्यक सांप्रदायिकता कर रहा है।

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