सार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी कुर्सी की चिंता सता रही है। उन्हें 5 नवंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना होगा। उपचुनाव के इसी मुद्दे पर आज TMC सांसद चुनाव आयोग से मिलेंगे।

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से हारी ममता बनर्जी के लिए अब विधानसभा की सदस्यता एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। बंगाल में जल्द उपचुनाव कराने के मुद्दे पर आज तृणमूल कांग्रेस के सांसद(TMC) चुनाव आयुक्त से मुलाकात करेंगे। बता दें कि 5 नवंबर तक ममता बनर्जी और उके वित्त मंत्री को विधानसभा का सदस्य बनना होगा। अगर उप चुनाव नहीं होते हैं, तो दोनों को पद छोड़ना पड़ेगा। 

नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं ममता
बंगाल में मई में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें ममता बनर्जी नंदीग्राम से भाजपा के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं। उपचुनाव को लेकर TMCके 5 सांसद चुनाव आयुक्त से मिलकर खाली सीटों पर जल्द चुनाव कराने की मांग उठाएंगे। ममता बनर्जी के लिए भवानीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। यह सीट ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट है। ममता बनर्जी ने शुभेंदु की चुनौती स्वीकार करके भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था।

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ममता ने हाल में कहा था-चुनाव आयोग लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती नहीं कर सकता
ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले कहा था कि बंगाल में कोरोना संक्रमण पूरी तौर पर कंट्रोल में है। चुनाव आयोग उप चुनावों की तारीख घोषित करे। यहां के लोगों को अधिकार है कि वह वोट कर अपना जनप्रतिनिधि चुने, जिसे चुनाव आयोग छीन नहीं सकता है। चुनाव आयोग लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती नहीं कर सकता है। 

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ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की तीसरी बार मुख्यमंत्री तो बन गई हैं, लेकिन वह विधानसभा की सदस्य नहीं हैं। क्योंकि राज्य में विधान परिषद है नहीं इसलिए वह विधान परिषद सदस्य बनकर भी सदन में नहीं पहुंच सकती हैं।  नियमों पर अगर गौर किया जाए तो उनको मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधायक होना अनिवार्य है। अगर वह विधायक नहीं चुनी जाती तो इस्तीफा देना पड़ सकता है। 

कुछ ही दिन बचे लेकिन चुनाव आयोग ने साधी चुप्पी
ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 5 नवम्बर तक विधायक होना होगा। ऐसे में कहीं न कहीं से उनको उप चुनाव लड़ना होगा। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि उप चुनाव कराने का सारा दारोमदार चुनाव आयोग के पास है। ऐसे में चुनाव आयोग यह तय करेगा कि कब चुनाव होंगे। अगर महामारी या किन्हीं अन्य वजहों को बताते हुए चुनाव आयोग ने 5 नवम्बर के पहले उप चुनाव नहीं कराए तो ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं जिसका इंतजार बीजेपी कर रही है। 

यह सीटें हैं पश्चिम बंगाल की खाली
भवानीपुर के अलावा दिनहाटा, सांतिपुर, समसेरगंज, खारदाह और जांगीपुर विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होना है। लेकिन उपचुनाव की तारीख को लेकर चुनाव आयोग चुप्पी साधे हुए है जबकि टीएमसी लगातार उप चुनाव कराने की मांग कर रही है।