सार

पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव (Bengal Panchayat Elections) हुआ। पूरे दिन राज्य में हिंसक घटनाएं हुईं। बैलेट बॉक्स लूटे गए। पोलिंग बूथ में आग लगाई गई। हिंसा की इन घटनाओं में 18 लोगों की मौत हुई।

 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले हिंसा हुई थी। मतदान का दिन भी कुछ अच्छा नहीं रहा। कई जिलों में बूथ कैप्चरिंग और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। बैलेट बॉक्स लूट लिए गए। पोलिंग बूथ में आग लगाई गई। पंचायत चुनाव को लेकर हुई हिंसा में शुक्रवार रात से शनिवार दिन तक 18 लोगों की मौत हुई।

हिंसा की घटनाओं से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। भाजपा ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है और कई बूथों पर दोबारा मतदान कराने की मांग की है। कांग्रेस ने भी हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है।

पंचायत चुनाव में हिंसा से जुड़े 10 बड़े प्वाइंट्स

1- चुनावी हिंसा में 18 लोगों की मौत हुई है। मारे गए लोगों में टीएमसी के 10, भाजपा व कांग्रेस के तीन-तीन और सीपीआई (एम) के दो कार्यकर्ता शामिल थे। कूच बिहार जिले के दिनहाटा में बूथ पर बैलेट बॉक्स में तोड़फोड़ की गई। उपद्रवियों ने बैलेट्स में आग लगा दी गई। बरनाचिना क्षेत्र के एक अन्य बूथ पर बैलेट बॉक्स को जला दिया।

2- सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने मैदान में पड़े खुले मतपेटियों का एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि डायमंड हार्बर के एक बूथ पर बैलेट बॉक्स को तोड़ दिया गया और बैलेट्स को जमीन पर फेंक दिया गया।

3- मुर्शिदाबाद जिले में उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी। पुलिस के जवान उपद्रव की जानकारी मिलने पर आए थे। उग्र भीड़ के देख पुलिसकर्मी पीछे हट गए थे।

4- पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ममता बनर्जी के राज में बंगाल में चुनाव बिना हत्याओं और अराजकता के नहीं हो सकता। ममता बनर्जी हत्याओं को सत्ता की गारंटी मानती हैं। बंगाल की बम संस्कृति दुनिया भर में भारत और उसके लोकतंत्र को शर्मसार कर रही है।

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव में जीत के लिए ममता बनर्जी को "बधाई" दी। उन्होंने कहा, "बधाई हो दीदी, आपने पंचायत चुनाव जीत लिया है।"

5- तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय बलों की भूमिका पर सवाल उठाए। टीएमसी कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर ममता सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा, "शुक्रवार रात से चौंकाने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। बीजेपी, सीपीआई (एम) और कांग्रेस की मिलीभगत है।"

6- भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मांग की कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। उन्होंने कहा, "राज्य प्रशासन के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक मृगतृष्णा है। यह केवल तभी संभव है जब चुनाव राष्ट्रपति शासन या अनुच्छेद 355 के तहत हों।"

7- सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि चुनावी हिंसा की सीबीआई और एनआईए से जांच कराई जाए। सभी बूथों पर सीएपीएफ तैनात किया जाना चाहिए था। हिंसा में जिनकी मौत हुई है उनके परिजनों को राज्य सरकार 50 लाख रुपए मुआवजा दे।

8- बंगाल राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा ने कहा कि मतदान के दौरान हिंसा की घटनाओं की सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों से आईं। बारासात से 1,300 शिकायतें मिलीं। इनमें बदमाशों के मतपेटियां लेकर भागने की घटनाएं भी शामिल थीं। इन घटनाओं की विस्तृत जांच होगी। उन बूथों पर दोबारा मतदान होगा जहां सबसे ज्यादा हिंसा हुई। ऐसे बूथों पर भी फिर से वोट डाले जाएंगे जहां मतदान नहीं हो सका या रोक दिया गया।

9-पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। उन्होंने हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की। राज्यपाल ने कहा कि लोगों ने मेरे काफिले को रोककर बताया कि किस तरह हिंसा की घटनाएं हो रही हैं और वोट डालने से रोका जा रहा है। चुनाव बैलेट से जीता जाना चाहिए बुलेट से नहीं।

10- बंगाल के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर शनिवार सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ शाम 5 बजे तक चला। 5.67 करोड़ लोगों ने लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया।