Namaz at Bengaluru Airport: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने बेंगलुरू एयरपोर्ट पर नमाज अदा करने को लेकर कांग्रेस सरकार पर सुरक्षा और डबल स्टैंडर्ड का आरोप लगाया है। जानिए क्या है पूरा विवाद...
Bengaluru Airport Namaz Controversy: बेंगलुरु के केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kempegowda International Airport) के टर्मिनल 2 में नमाज अदा करने के मामले ने राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। कर्नाटक भाजपा ने इस घटना की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि आखिर एक हाई-सिक्योरिटी जोन में ऐसा कैसे संभव हुआ। पार्टी प्रवक्ता विजय प्रसाद ने कांग्रेस मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और आईटी मंत्री प्रियंक खारगे से इस कथित अनुमति के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। जानिए क्या है पूरा विवाद..
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर क्या हुआ?
विजय प्रसाद ने बताया कि यह अज्ञात तारीख की घटना टर्मिनल में हुई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाया कि क्या इन व्यक्तियों ने पहले से अनुमति ली थी और क्यों सरकार RSS के पथ संचालन पर ध्यान देती है लेकिन ऐसी गतिविधियों पर नजर नहीं रखती। प्रसाद ने इसे हाई-सिक्योरिटी जोन में गंभीर सुरक्षा चिंता बताया। उन्होंने फोटो और वीडियो भी शेयर किए।
भाजपा की प्रतिक्रिया और सवाल
इंडिया टुडे से बातचीत में विजय प्रसाद ने डबल स्टैंडर्ड पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि टर्मिनल 2 में भारी सुरक्षा के बावजूद पुलिस या अन्य किसी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की। यह कांग्रेस सरकार की साफ-साफ सेक्शनल अपीलमेंट को दिखाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री और आईटी मंत्री से पूछा कि क्या वे इसे मंजूरी देते हैं और क्या यह सुरक्षित है।
CM सिद्धारमैया का जवाब
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी इवेंट के लिए अनुमति लेने का निर्देश केवल सामान्य था, खासतौर पर RSS के खिलाफ नहीं। उन्होंने कहा, 'हमने किसी भी ऑर्गनाइजेशन का नाम नहीं लिया। किसी भी संगठन को जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होती है।' जब RSS प्रमुख मोहन भागवत के संगठन की रजिस्ट्रेशन स्थिति पर सवाल किया गया, तो CM ने कोई जवाब नहीं दिया।
RSS और कांग्रेस के बीच राजनीति
मोहन भागवत ने इशारा करते हुए कहा कि हिंदू संगठन को एक व्यक्तियों के समूह के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह टिप्पणी उन कांग्रेस नेताओं की आलोचना थी, जिन्होंने RSS की रजिस्ट्रेशन स्थिति पर सवाल उठाया था।
