बेंगलुरु के एक बिजनेसमैन से साइबर ठगी में ₹8.03 करोड़ की धोखाधड़ी हुई। धोखेबाजों ने रिलायंस के नाम पर नकली शेयर बाजार ऐप से निवेश का झांसा दिया था। पुलिस ने जांच शुरू कर ₹61 लाख फ्रीज किए हैं।
बेंगलुरु: अयोध्या के श्री राम मंदिर में चांदी की पूजा सामग्री और एक बड़ी घंटी जैसी कीमती चीजें दान करके अपनी भक्ति दिखाने वाले बेंगलुरु के एक बिजनेसमैन अब साइबर ठगों के जाल में फंस गए हैं। उन्होंने करीब 8.03 करोड़ रुपये गंवा दिए हैं। चिंता की बात यह है कि धोखेबाजों ने बिजनेसमैन की फाइनेंसियल और लोन की जानकारी हासिल करके उन्हें ठगा है।
राजेंद्र नायडू नाम के बिजनेसमैन इस साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। हाल ही में उन्होंने रिलायंस कैपिटल से लिया एक बड़ा लोन चुकाया था। इस जानकारी का पता चलते ही धोखेबाजों ने राजेंद्र नायडू से संपर्क किया और उन्हें यकीन दिलाया कि उनका सिबिल स्कोर बहुत अच्छा है। धोखेबाजों ने रिलायंस के नाम का गलत इस्तेमाल करते हुए शेयर बाजार में निवेश करने पर बड़े मुनाफे का लालच दिया। जब ठगों ने कहा कि मुनाफे का कुछ पैसा चैरिटी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, तो राजेंद्र नायडू मान गए। उन्होंने रिलायंस का नाम सुनकर सोचा कि यह एक अच्छी कंपनी होगी और निवेश के लिए तैयार हो गए।
नकली एप्लिकेशन के जरिए धोखाधड़ी
धोखेबाजों ने सबसे पहले राजेंद्र नायडू को अपने मोबाइल में 'RARCllpro' नाम का एक नकली एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए कहा। यह ऐप बिल्कुल असली शेयर बाजार ऐप की तरह दिखने के लिए डिजाइन किया गया था। इस पर भरोसा करके नायडू ने पहले 25 लाख रुपये RTGS के जरिए धोखेबाजों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। नवंबर महीने तक, उन्होंने किश्तों में कुल 8.03 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।

नवंबर में, नकली 'RARCllpro' ऐप में नायडू के निवेश की वैल्यू 59.4 करोड़ रुपये दिखाई गई। यह मानकर कि उन्हें भारी मुनाफा हुआ है, उन्होंने 15 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश की, तभी धोखेबाजों का असली चेहरा सामने आ गया। पैसे निकालने के लिए धोखेबाजों ने 18% सर्विस चार्ज के रूप में लगभग 2.70 करोड़ रुपये की मांग की। शक होने पर राजेंद्र नायडू ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके जानकारी दी और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। बाद में जब उन्होंने दक्षिण डिवीजन के सेन पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराई, तो उन्हें यकीन हो गया कि उनके साथ धोखा हुआ है।
₹61 लाख रुपये फ्रीज
फिलहाल, दक्षिण डिवीजन सेन पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और धोखेबाजों के खाते में मौजूद करीब 61 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि धोखेबाजों को बिजनेसमैन की निजी फाइनेंसियल जानकारी कैसे मिली।
