सार
एक सर्वे से पता चला है कि बेंगलुरु के 91 फीसदी लोग सोने से पहले अपने मोबाइल फोन को चेक करते हैं। 38 फीसदी लोग सोने से पहले सोशल मीडिया पर जाते हैं। वहीं, नौकरी जाने के डर से 29 फीसदी को ठीक से नींद नहीं आती।
बेंगलुरु। एक सर्वे से पता चला है कि बेंगलुरु के 91 फीसदी लोग अपने मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। वे अपने स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते। ये लोग सोने से पहले फोन चेक करते हैं। करीब 38 फीसदी लोग सोने से पहले यह देखना नहीं भूलते कि सोशल मीडिया में क्या चल रहा है। वहीं, 29 फीसदी लोग नौकरी जाने के डर से परेशान रहते हैं। उन्हें नींद नहीं आती है।
ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड नाम के किए गए सर्वे से यह जानकारी सामने आई है। सर्वे गद्दा बनाने वाली कंपनी वेकफिट ने फरवरी 2022 से मार्च 2023 तक बेंगलुरु और देश के बाकी हिस्सों में किया था। इस दौरान 10 हजार से अधिक लोगों के बीच सर्वे किया गया। इसमें बेंगलुरु के 4 हजार लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे में पता चला है कि भारत की सिलिकॉन वैली कहलाने वाले शहर बेंगलुरु के लोगों की सोने की आदतें कैसी हैं और उन्हें नींद संबंधी किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
रात 11 बजे सोने के लिए बेड पर जाते हैं 61 फीसदी लोग
13 महीने तक हुए इस सर्वे में 61 फीसदी लोगों ने बताया कि वे रात करीब 11 बजे सोने जाते हैं, जबकि सोने का आदर्श समय रात 10 बजे माना जाता है। सर्वे में शामिल बेंगलुरु के 29% लोगों ने बताया कि वे सुबह 7 से 8 बजे उठ जाते हैं। दिन में उन्हें 60 फीसदी समय नींद आने जैसा महसूस होता है। 34 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें सुबह जगने के बाद तरोताजा महसूस नहीं होता है।
यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल: बर्धमान में भाजपा नेता राजू झा की गोली मारकर हत्या, हलवाई की दुकान के बाहर हुआ हमला
6-7 घंटे की अच्छी नींद है जरूरी
सर्वे में शामिल 20 फीसदी लोगों ने कहा कि अच्छा गद्दा होने से अच्छी नींद में मदद मिल सकती है। वहीं, 40 फीसदी लोगों ने कहा कि बेडरूम की स्थिति और आसपास का माहौल उनकी नींद को प्रभावित करता है। गौरतलब है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार एक वयस्क के लिए रोज 6-7 घंटे की अच्छी नींद जरूरी है।