बेंगलुरु में कर्ज चुकाने के लिए एक किरायेदार दंपति ने अपनी मकान मालकिन की हत्या कर दी। टीवी देखने के बहाने घर जाकर उन्होंने गला घोंटा और सोने की चेन लूट ली। पुलिस ने हत्यारे दंपति को गिरफ्तार कर लिया है।
बेंगलुरु: टीवी देखने के बहाने घर जाकर मकान मालकिन की हत्या करने और सोने की चेन लूटने वाले किरायेदार दंपति को सुब्रमण्यपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।उत्तरहल्ली के रहने वाले प्रसाद श्रीशैल मकाय और उसकी पत्नी साक्षी हनुमंत होद्लुर को गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार दोपहर को जब 65 साल की श्री लक्ष्मी घर पर अकेली थीं, तब यह हत्या हुई। हत्या के कुछ ही घंटों के अंदर इंस्पेक्टर राजू की टीम ने हत्यारे दंपति को पकड़ लिया।
कर्ज चुकाने के लिए की हत्या
चार महीने पहले काम की तलाश में शहर आए महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले प्रसाद और साक्षी, उत्तरहल्ली में श्री लक्ष्मी के घर में किराए पर रहते थे। लक्ष्मी अपने पति अश्वथ नारायण के साथ रहती थीं। पहली मंजिल पर फणिराज नाम का एक परिवार रहता है। प्रसाद सेंटरिंग का काम करता था और साक्षी पद्मनाभनगर की एक ज्वेलरी की दुकान में काम करके अपना गुजारा कर रहे थे। दंपति का मकान मालिकों के साथ अच्छा रिश्ता था। लेकिन हाल ही में, वे बहुत ज़्यादा कर्ज में डूब गए और उन्होंने मकान मालकिन के घर चोरी करने का फैसला किया।
कॉटनपेट के पास अगरबत्ती फैक्ट्री में काम करते थे नारायण
नारायण कॉटनपेट के पास एक अगरबत्ती फैक्ट्री में काम करते थे और हर दिन सुबह जाकर शाम को घर लौटते थे। उस समय लक्ष्मी घर पर अकेली होती थीं। यह बात जानने वाले प्रसाद दंपति ने दोपहर में मकान मालकिन की हत्या की साजिश रची। हमेशा की तरह मंगलवार सुबह नारायण काम पर चले गए। कुछ देर बाद, प्रसाद और साक्षी मृतक के घर गए और कहा कि वे नया टीवी खरीदना चाहते हैं और उनका टीवी देखना चाहते हैं। बातचीत के दौरान ही उन्होंने श्रीलक्ष्मी का गला घोंटकर हत्या कर दी और सोने की चेन लूट ली। हत्या के दौरान विरोध करने पर आरोपियों ने उन्हें नोच लिया था। इसलिए, शव पर गर्दन, होंठ और चेहरे पर खरोंच के निशान पाए गए।
कैसे हुए गिरफ्तार?
जब नारायण ने दोपहर में अपनी पत्नी को लगातार फोन किया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे घबराकर उन्होंने अपने किरायेदार फणिराज को फोन किया और घर जाकर अपनी पत्नी के बारे में पूछने को कहा। शाम को जब फणिराज मृतक के घर गए, तो उन्होंने लक्ष्मी को बेहोश पड़ा देखा और नारायण को इसकी जानकारी दी। तुरंत मृतक के पति घर पहुंचे। इसके बाद नारायण ने मृतक की बहन संपत लक्ष्मी को फोन करके घटना के बारे में बताया। तब उन्होंने बताया कि जब उन्होंने दोपहर 1 बजे अपनी बहन लक्ष्मी को फोन किया था, तो उसने कहा था कि कुछ लोग टीवी देख रहे हैं और वह बाहर आकर बात कर रही है।
नारायण ने पुलिस को यह जानकारी देते हुए शक जताया कि किसी जानने वाले ने ही घर आकर यह हत्या की है। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को भी हालात देखकर किसी परिचित के शामिल होने का गहरा शक हुआ। यह सुराग मिलते ही पुलिस हरकत में आई और शक के आधार पर ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले प्रसाद दंपति को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो सच्चाई सामने आ गई।
हत्या के बाद घर पर ही मौजूद था दंपति
हत्या के बाद प्रसाद और साक्षी घर पर ही थे। उन्हें लगा कि बाहर जाने पर उन पर शक हो सकता है, इसलिए जब पुलिस जांच के लिए आई तो वे सामान्य व्यवहार करते रहे। शुरू में पुलिस को दंपति पर शक नहीं हुआ। लेकिन जब सबूतों की जांच की गई, तो पुलिस को प्रसाद पर शक हुआ और हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर दंपति ने सच उगल दिया। सूत्रों के मुताबिक, दंपति ने कबूल किया है कि उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए लक्ष्मी की हत्या की थी।
