सार
भारत और चीन के बीच बसा यह छोटा देश जीडीपी की जगह जीडीएच यानी सकल घरेलू खुशी से अपना विकास मापने के लिए फेमस है। यह देश पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। भूटान के महावाणिज्य दूत जिग्मे थिनले नामग्याल ने पर्यटकों पर शुल्क लगाने को लेकर बताया कि पर्यटन हमारे यहां की राष्ट्रीय आय का मुख्य स्रोत है।
Bhutan Tourism: कोरोना महामारी के बाद भूटान ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए थे। हालांकि, 2.5 साल बाद भूटान ने इंटरनेशनल टूरिस्ट्स के लिए अपनी सीमाएं खोल दी है। लेकिन वहां घूमने जाने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए एक झटका भी मिला है। दरअसल, भूटान ने अब भारतीय पर्यटकों से भी शुल्क वसूलने का आदेश जारी किया है। पहले भूटान, भारतीय टूरिस्टों से कोई शुल्क नहीं वसूलता था। भूटान सरकार ने कहा है कि वह पर्यटन को अपने देश में भेदभाव रहित करने के लिए सबके लिए समान व्यवस्था करने की नीति के अंतर्गत यह फैसला लिया है।
कितना शुल्क चुकाना होगा?
भूटान जाने वाले भारतीय पर्यटकों को अब 1200 रुपये प्रति एक दिन का चुकाना होगा। जबकि दूसरे इंटरनेशनल टूरिस्टों को 200 डॉलर प्रति दिन की दर से फीस जमा करनी होगी। यह फीस जो भूटान में टूरिस्टों को चुकानी पड़ेगी उसे डेवलपमेंट फीस के नाम से जाना जाता है। इंटरनेशनल टूरिस्टों से भूटान तीन दशकों से यह शुल्क ले रहा है। लेकिन भारतीय टूरिस्ट्स से पहली बार लिया जाएगा।
महामारी के पहले भारतीयों से नहीं लिया जाता था कोई शुल्क
कोरोना महामारी के पहले भारतीय पर्यटकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। भूटान ने कोविड-19 महामारी के दौरान मार्च 2020 में अपनी सीमाओं को बाहरियों से लिए बंद कर दिया था। कोरोना की वजह से यह बैन करीब 2.5 साल तक चला। अब एक बार फिर भूटान ने टूरिस्टों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी है। परंतु अन्य देशों के टूरिस्टों की तरह भारतीय टूरिस्ट्स के लिए भी शुल्क लगाने का ऐलान किया गया है।
भूटान में टूरिज्म ही मुख्य आय का स्रोत
भारत और चीन के बीच बसा यह छोटा देश जीडीपी की जगह जीडीएच यानी सकल घरेलू खुशी से अपना विकास मापने के लिए फेमस है। यह देश पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। भूटान के महावाणिज्य दूत जिग्मे थिनले नामग्याल ने पर्यटकों पर शुल्क लगाने को लेकर बताया कि पर्यटन हमारे यहां की राष्ट्रीय आय का मुख्य स्रोत है। हम लगातार कार्बन न्यूट्रल रहने की कोशिश में भी लगे हुए हुए हैं। पर्यटन स्थलियों व कार्बन न्यूट्रल रहने के लिए लागत तो लगता ही है। साथ ही देश के बुनियादी ढांचे का भी विकास करना है। ऐसे में आय बढ़ाने के लिए हम लेवी लगा रहे हैं। पर्यटन नीति को रणनीति बनाते हुए हमने सभी आने वाले टूरिस्टों पर लेवी लगाने का फैसला किया है ताकि पर्यटन संसाधनों का उपयोग करने वालों के साथ भेदभाव न लगे।
भूटान में कोरोना काल में 21 मौतें
भूटान की आबादी करीब 800,000 से कम है। हिमालय की वादियों में बसे इस देश में कोरोना संक्रमण से 61 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। इस संक्रमण की वजह से 21 लोगों की जान भी गई थी। इसके बाद इस देश ने अपनी सीमाओं को बाहरियों के लिए बंद कर दिया था। हालांकि, दो साल में इसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा। यहां गरीबी बढ़ी लेकिन संक्रमण पर पूरी तरह से काबू पा लिया।
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